रत्नमती स्मारक बेटियों और महिलाओं को देगा धर्ममार्ग की प्रेरणा
भारत की धरती विभिन्न संस्कृतियों धर्माें और परंपराओं की है।
महमूदाबाद (सीतापुर) : भारत की धरती विभिन्न संस्कृतियों, धर्माें और परंपराओं की है। जैन धर्म का देश की संस्कृति में विशेष योगदान रहा है। जैन तीर्थंकरों ने अहिसा और सत्य का पाठ पूरे विश्व को पढ़ाया। भगवान महावीर ने अहिसा परमो धर्म: के साथ साथ 'जियो और जीने दो' का संदेश दिया। आज पूरे विश्व में शांति के लिये इसी संदेश को अपनाने की जरूरत है। यह बात सांसद राजेश वर्मा ने रविवार को महावीर उद्यान में आयोजित आर्यिका रत्नमती स्मारक का लोकार्पण समारोह में कही। उन्होंने कहा कि जैन संतों और आर्यिकाओं ने त्याग का अनूठा उदाहरण लोगों के सामने पेश किया है। इनकी दिनचर्या और कठिन तप से सभी को सीखने की जरूरत है। कार्यक्रम को कुर्सी विधायक साकेंद्र वर्मा ने भी संबोधित किया। आर्यिका ज्ञानमती ने कहा, आर्यिका रत्नमती का पूरा जीवन धर्म के कार्यों में ही समर्पित रहा। वह अपने गृहस्थ जीवन के दौरान भी धर्मिक कार्यों को ही सबसे अधिक समय देती थीं। उनके नाम पर बना यह रत्नमती स्मारक यहां की बेटियों और महिलाओं को सदैव धर्ममार्ग पर चलने की प्रेरणा देता रहेगा। कार्यक्रम को आर्यिका चंदनामती, पीठाधीश्वर स्वामी रवींद्रकीर्ति ने भी संबोधित किया। इस दौरान बीजेपी जिलाध्यक्ष अचिन मेहरोत्रा, योगेश जैन, कोमल जैन, चंद्रभूषण शुक्ल, राम प्रवेश प्रजापति, आरके वाजपेयी आदि मौजूद रहे।