पद विहार कर साध्वी ने दिया विश्वशांति का संदेश
विश्वशांति अहिसा का संदेश लेकर महाराष्ट्र के मांगीतुंगी से पद विहार करते हुए जैन धर्म की साध्वी आर्यिका गणिनी ज्ञानमती माता शुक्रवार सुबह नौ बजे नगर सीमा में दाखिल हुईं।
महमूदाबाद (सीतापुर) : विश्वशांति, अहिसा का संदेश लेकर महाराष्ट्र के मांगीतुंगी से पद विहार करते हुए जैन धर्म की साध्वी आर्यिका गणिनी ज्ञानमती माता शुक्रवार सुबह नौ बजे नगर सीमा में दाखिल हुई। आर्यिका संघ के साथ पैंतेपुर से महमूदाबाद तक दर्जनों युवाओं और महिलाओं ने गाजे-बाजे के बीच पद विहार किया। नगर सीमा पर विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा, चंद्र कुमार जैन, नीतू जैन, मनोरंजन जैन, प्रणय जैन, राहुल जैन आदि की ओर से स्वागत किया गया। गायत्री परिवार, ईश्वरीय प्रजापति विश्वविद्यालय परिवार, संकटा देवी मंदिर समिति, गणेश पूजन समिति आदि के कार्यकर्ताओं ने नगर सीमा पर आर्यिका ज्ञानमती का पादप्रक्षाल, पूजा और आरती उतारी। इसके बाद मोतीपुर चौराहे से जैन समाज द्वारा जुलूस निकाला गया। इसमें डीजे, बैंड की धुन पर डांडिया नृत्य करते हुए महिलाओं ने भक्ति में डूबी नजर आईं। बजाजा चौराहे पर स्वर्ण कार समाज व नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन ममता सोनी व प्रतिनिधि अंबरीश गुप्ता ने स्वागत किया। रामकुंड से जैन मंदिर तक पूरे मार्ग को रंगोली और गुब्बारों से सजाया गया था। यहां भाजपा नेता रामप्रवेश प्रजापति, मोहन प्रसाद, कोमल जैन, विकास जैन, सरोज शुक्ल, चंद्रकांत, चंद्रभूषण शुक्ल, आरके वाजपेयी, राजेंद्र राठौर, आशा आदि उपस्थित रहे। महमूदाबाद मेरी मां की जन्मस्थली : ज्ञानमती
गणिनी आर्यिका ज्ञानमती माता ने स्वागत समारोह के दौरान कहा कि महमूदाबाद की भूमि मेरी मां आर्यिका रत्नमती की जन्मस्थली है। इस धरा पर आकर मुझे बहुत खुशी है। महमूदाबाद से जैन धर्म का अनूठा नाता रहा है। यहां के लोग धार्मिक प्रवृत्ति में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी रखते हैं। आर्यिका रत्नमती मां ने मुझे त्याग और तपस्या के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया है।