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स्वास्थ्य अधिकारियों ने तेज की क्षय रोगियों की तलाश

क्षय रोगियों के चिह्नीकरण के अभियान में राज्यपाल ने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 11:22 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 11:25 PM (IST)
स्वास्थ्य अधिकारियों ने तेज की क्षय रोगियों की तलाश
स्वास्थ्य अधिकारियों ने तेज की क्षय रोगियों की तलाश

सीतापुर : शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने क्षय रोगियों के चिह्नीकरण और उनके उपचार को शुरू हुए अभियान का लोकार्पण किया। एनआइसी में ऑनलाइन लोकार्पण कार्यक्रम में राज्यपाल ने स्वास्थ्य अधिकारियों से निष्ठा व ईमानदारी से क्षय रोगियों की खोज कर उनका उपचार करने को कहा है। राज्यपाल ने कहा, मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म है। राज्यपाल के संदेश के बाद जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने टीमों के माध्यम से क्षय रोगियों (टीबी) की तलाश तेज कर दी हैं। कॉन्फ्रेंसिंग के बाद जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मुसाफिर यादव ने बताया, क्षय रोगियों के खोजने का अभियान शनिवार से प्रारंभ हुआ है। ये अभियान 12 जनवरी तक चलेगा। इस बीच स्वास्थ्य कर्मियों की टीमों को गांव-गांव व कस्बों में घर-घर जाने को बोला गया है। डॉ. मुसाफिर यादव ने बताया, आम तौर से क्षय रोगियों को खोजने के अभियान के बाद 13 से 25 जनवरी तक प्राइवेट क्लीनिक एवं नर्सिंग होम में आने वाले टीबी रोगियों के लिए अभियान चलेगा। निजी क्लीनिक पर आने वाले क्षय रोगियों की पहचान की जाएगी और फिर उनका निश्शुल्क इलाज कराया जाएगा।

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2023 तक यूपी से मुक्त करना है क्षय रोग

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मुसाफिर यादव ने बताया, प्रधानमंत्री ने देश को टीबी रोग से मुक्त करने का लक्ष्य 2025 तक तय किया है लेकिन, मुख्यमंत्री ने प्रदेश को क्षय रोग से 2023 तक मुक्त कर देने का लक्ष्य दिया है। इन लक्ष्यों को देखते हुए क्षय रोगियों को खोजने के अभियान को शुरू किया गया है। इस बीच में शत-प्रतिशत क्षय रोगियों की तलाश कर उनको इस रोग से मुक्त कर देना है।

जेल में कोई बंदी क्षय रोगी नहीं

कुछ दिनों पहले जिला कारागार में 38 संदिग्ध बंदियों के सैंपल लेकर उनकी जांच की गई है। इसमें जेल में निरुद्ध रामपुर सांसद सपा नेता आजम खां व उनके बेटे अब्दुला आजम का भी सैंपल हुआ था। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया, जेल में लिए गए बंदियों के सैंपल जांच में निगेटिव मिले हैं। संबंधित बंदी स्वस्थ हैं। अभियान को गति देने वाली टीम जिले भर में बनाई गई हैं 285 टीमें। प्रत्येक टीम में आशा व एनजीओ कार्यकर्ता हैं। 54 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। सभी 19 सीएचसी व 42 पीएचसी पर रोगियों की हो रही पहचान।


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