कहने को एफआरयू, स्वास्थ्य सुविधाएं नाम मात्र
सीतापुर : सीतापुर-लखनऊ के बीचोबीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सिधौली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क
सीतापुर : सीतापुर-लखनऊ के बीचोबीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सिधौली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रथम संदर्भन इकाई (एफआरयू) का दर्जा प्राप्त है। इस स्तर की सुविधाएं जिला मुख्यालय के अस्पताल के समान मानी जाती है। यह व्यवस्था कागजों तक ही सीमित है। धरातल पर यह सुविधाएं नजर नहीं आती। डॉक्टरों की कुर्सियां खाली रहती हैं, मरीज बरामद से लेकर बाहर तक इंतजार करते नजर आते हैं। सीएचसी में 12:25 बजे कक्ष में डॉक्टर की कुर्सी खाली मिली। बाहर बरामदे में मरीज इंतजार कर रहे थे। 12:27 बजे आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में भी ताला लगा था। 12:30 बजे मरीज पंजीकरण काउंटर के सामने महिलाएं लाइन में लगी थी। 12:31 बजे दवा काउंटर पर एक मरीज कुछ दवाएं प्राप्त करता दिखा। 12:15 बजे डॉक्टर न होने से एक दर्जन से अधिक मरीज सीएचसी के बाहर धूम में बैठे मिले। स्वच्छता अभियान का असर नहीं दिखा। परिसर में कीचड़ व कूड़ा बिखरा दिखा। 12:40 बजे महिला व पुरुष शौचालय में ताला लटकता मिला। अस्पताल में सुविधाएं मौजूद हैं लेकिन मरीजों के प्रति जिम्मेदार गंभीर नहीं। प्रसव कक्ष में भी डॉक्टर नहीं थे। बाहर महिलाएं इंतजार करती मिली। ओपीडी में डॉ. देवेंद्र वर्मा, डॉ. अश्वनी वर्मा मरीजों को देख रहे थे। एफआरयू होने के बाद भी यहां आर्थोपेडिक सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, नेत्र सर्जन, एमडी मेडिसिन जैसे कई महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं। पैथालाजी में रक्त, बलगम सहित नाम मात्र जांच ही होती है।
रिक्त डॉक्टरों के पदों पर तैनाती के लिए शासन से मांग की है। उपलब्ध संसाधनों के अनुसार मरीजों को सेवाएं दी जा रही हैं। जो कमियां हैं उनको दूर कराने के लिए पत्र लिखा है।
डॉ. आरसी चौधरी, अधीक्षक सीएचसी।