होम कंपोस्टिग : कचरा प्रबंधन और पौधों का पोषण
घरों के कचरे से घर में ही खाद बनाने की शुरू हुई पहल
जितेंद्र अवस्थी, सीतापुर : अब घर के कचरे का प्रबंधन घर में ही होगा। खाद बनेगी और गमलों में रखे पौधों का पोषण होगा। घर में हरियाली आएगी, कचरे की समस्या का समाधान भी हो जाएगा। निकाय भी साफ-सुथरा होगा। स्वच्छता अभियान को सफल बनाने की ये पहल है होम कंपोस्टिग।
स्वच्छ शहर-सुंदर शहर को साकार करने के लिए नगर में होम कंपोस्टिग की पहल शुरू की गई है। होम कंपोस्टिग से घर के कचरे का प्रबंधन घर में ही होगा। लोगों को कचरे का प्रबंध करने की सीख दी जाएगी। सूखे-गीले कचरे को अलग किया जाएगा। घर में रखे एक बड़े गमले या छोटे ड्रम में घर का कचरा डालेंगे। खाद बनाने में काम आने वाली अन्य सामग्री भी डाली जाएगी। खाद बनेगी और लोग अपने घर के गमलों में या बाहर लगे पौधों के पोषण में प्रयोग कर सकेंगे। होम कंपोस्टिग के लिए पालिका ने जागरूकता अभियान शुरू किया है।
खाद बनाने की सीख के साथ दिए डस्टबिन
नगर पालिका के सफाई निरीक्षक जागेंद्र सिंह का कहना है कि, लोहारबाग, विजयलक्ष्मीनगर, तानसेनगंज, नई बस्ती, सिविल लाइन आदि मुहल्लों में लोगों को होम कंपोस्टिग की प्रक्रिया समझाई जा चुकी है। इन वार्डों में 40 डस्टबिन भी बांटे गए हैं। एक मुहल्ले के दस लोगों को डस्टबिन देकर खाद बनाने की सीख दी गई है।
पालिका ने बनवाए खाद गड्ढे
कचरे का बेहतर प्रबंधन व कमाई के लिए शहर की सरोजनी वाटिका में चार खाद गड्ढे बनवाए गए हैं। केंद्रीय विद्यालय के रास्ते पर स्थित वॉटर वर्क्स के पीछे भी चार खाद गड्ढे बनवाए गए हैं। वार्डों के कचरे को अलग-अलग कर इन गड्ढों में डाला जा रहा है। होम कंपोस्टिग का काम शुरू किया गया है। कुछ वार्डों में लोगों को इसकी जानकारी दी जा चुकी है। शहर के पार्कों में भी होम कंपोस्टिग का काम किया जा रहा है। खाद गड्ढे बनवाए गए हैं।
गुरु प्रसाद पांडेय, ईओ सीतापुर