गोवर्धन पूजा कर की सुख-समृद्धि की कामना
सीतापुर : दीपावली की सुबह घरों में महिलाओं ने पूरे विधि-विधान से गोवर्धन पूजा की पूजा की। इस पूजा मे
सीतापुर : दीपावली की सुबह घरों में महिलाओं ने पूरे विधि-विधान से गोवर्धन पूजा की पूजा की। इस पूजा में भगवान श्रीकृष्ण की आराधना कर धन-धान्य से परिपूर्ण करने का आशीर्वाद मांगा। पूजा के दौरान महिलाओं ने गोवर्धन पर्व के संबंध में आपस में कथा कही व सुनी। इसमें घर बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ भागीदारी निभाई। जिले कई हिस्सों में अन्नकूट का वितरण भी किया गया। गोवर्धन पूजा की तैयारी में जुटी महिलाओं ने गुरुवार सुबह गाय के गोबर से गोवर्धन की प्रतिमा बनाकर ग्वाल-बाल व गायें बनाईं। फिर इनकी विधि-विधान से पूजा की। मान्यता है कि इस पर्व की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण की द्वारा की गई थी। कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन भगवान की पूजा का विशेष महत्व है। यह पर्व प्रकृति के साथ मानव का संबंध प्रदर्शित करता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार जब वृंदावन में इंद्रदेव की पूजा न करके भगवान गोवर्धन की पूजा की गई तो भयंकर वर्षा हुई। इससे गायों व लोगों का पालन करने वाले गोवर्धन पर्वत को भगवान श्री कृष्ण ने अपनी कनष्ठिा अंगुली पर उठाया था। इंद्र के प्रकोप और उनका अहंकार तोड़ने के लिए ही भगवान ने अपनी कनष्ठिा अंगुली का प्रयोग किया। इसी कथा को साक्षी मानकर घरों में विधि-विधान से गोवर्धन पूजा की गई और स्वादष्टि पकवान बनाए गए। भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाने के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया। गोवर्धन पर पशुओं को सेवा
गोवर्धन पूजा से ही पृथ्वी पर खुशहाली आती है। इस दिन गांवों में पशुओं की खूब सेवा होती देखी जाती है। गोवर्धन के दिन पशुपालक अपने पशुओं को बड़े प्रेम के साथ स्नान करा रहे थे। उनके गले में घुंघरु और घंटी बांधी। जिससे पशु आकर्षक लग रहे थे।