खेत-मकान, सब बहा ले जा रहीं नदियां
मेउड़ी छोलहा व दुर्गापुरवा में शारदा व घाघरा नदियों का कहर प्रभावित परिवार कैसे करेंगे जीवन यापन।
सीतापुर : दुर्गापुरवा में घाघरा नदी घर-मकान, खेत-खलिहान के साथ सब कुछ बहाकर ले जा रही है। शुक्रवार को घाघरा ने कई मकानों को काटना शुरू कर दिया है। गंगाराम, रामलखन और रामलखन के ससुर भाईलाल घाघरा के कटान के आगे बेबस नजर आए। ये लोग घर को कटान से बचाने का कोई उपाय नहीं कर पा रहे थे। ये परिवार गृहस्थी समेटने में जुटे थे।
उधर, घाघरा दुर्गापुरवा के पश्चिम में खेतों का तेजी से कटान कर रही है। शुक्रवार को घाघरा ने छेद्दू के खेत का कटान शुरू कर दिया। इनके खेत में धान लगा है। छेद्दू का 10 बीघे खेत के बाद अब घाघरा ने इनके पड़ोस के बदलू के खेत को काटना शुरू कर दिया है। बदलू के खेत के कुछ हिस्से में आम की बाग है। बदलू ने बताया कि बड़े उम्मीद से आम की बाग लगाई थी। पेड़ भी बड़े हो गए हैं। लेकिन, अब घाघरा के कटान से वह बाग को बचा नहीं पा रहे हैं।
दुर्गापुरवा के ही रामलखन का घर-खेत घाघरा काटकर बहा ले जा रही है। रामलखन का घर खेत में ही बना है। इसी घर में उनका परिवार रहता था। करीब 25 बीघा खेत में रामलखन की धान की फसल थी। रामभूखन का सात बीघा खेत भी कट गया है, जिसमें धान की फसल थी। इससे पहले इनका घर कटकर नदी में बह गया। अब रामभूखन ने परिवार के साथ दुर्गापुरवा छोड़कर आसाराम पुरवा में जाकर झोपड़ी डाल ली है। दुर्गापुरवा के लोगों ने बताया कि घाघरा नदी ने बजहा गांव के बाहर खेतों को काटना शुरू कर दिया है।
शारदा ने काटना शुरू किया पंचायत भवन व सार्वजनिक शौचालय :
मेउड़ी छोलहा व श्रीरामपुरवा गांव के बीच पंचायत भवन व सार्वजनिक शौचालय को शारदा नदी ने काटना शुरू कर दिया है। सार्वजनिक शौचालय व पंचायत भवन के बीच की दूरी करीब 14 मीटर है। पंचायत भवन व सार्वजनिक शौचालय अभी सालभर पहले ही बनाए गए थे। मेउड़ी छोलहा से पूरब की ओर कटान हो रहा है। पंचायत भवन व सार्वजनिक शौचालय के बाद जगदीश पासी, मुन्नीलाल कहार के घर कटान की कगार पर आ जाएंगे। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 20 दिनों से सिचाई विभाग के बाढ़-कटान रोधी कार्य भी बंद हैं। कटान की निगरानी को सिचाई विभाग के अधिकारी-कर्मचारी नजर नहीं आते हैं। श्रीरामपुरवा के पास स्टड बंध के आगे कटान तेज है।
अधिशासी अभियंता सिचाई विशाल पोरवाल ने बताया कि क्या कर सकते हैं। अब अक्टूबर शुरू हो गया है। बैराज से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा कम नहीं हो रही है। मेउड़ी छोलहा में स्कूल के पास कटान रोधी कार्य कराया जा रहा है।