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परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकों के इंतजार में ‘भविष्य’

परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकों के इंतजार में च्भविष्यज्

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 01:33 AM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 01:33 AM (IST)
परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकों के इंतजार में ‘भविष्य’
परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकों के इंतजार में ‘भविष्य’

परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकों के इंतजार में ‘भविष्य’

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सीतापुर : परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के तमाम प्रयासों पर पुस्तकों की अनुपलब्धता भारी पड़ रही है। शैक्षिक सत्र के करीब पांच माह बीतने के बाद भी अधिकांश विद्यालयों में बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हालांकि, पुरानी पुस्तकों से विद्यालयों में पढ़ाई जारी रखने की कवायद कई विद्यालयों के शिक्षक कर रहे हैं। जागरण टीम ने पड़ताल की तो ज्यादातर स्थानों पर पुस्तकें न पहुंचने की बात सामने आई। प्रस्तुत है रिपोर्ट...।

महमूदाबाद तहसील के किसी भी विद्यालय में अभी तक पुस्तकों का वितरण नहीं किया गया। यही हाल लहरपुर के विद्यालयों का है। उच्च प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट लहरपुर में प्राथमिक विद्यालय में 162 और जूनियर में 131 विद्यार्थी पढ़ते हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य अशोक कुमार अवस्थी ने बताया फिलहाल पुरानी पुस्तकें ही सहारा हैं।

बिसवां के प्राथमिक विद्यालय में बच्चे पेड़ के नीचे बैठे पढ़ रहे थे। प्रधानाध्यापक मुहम्मद सलीम ने बताया कि विद्यालय में कुल 149 बच्चे हैं। स्कूल में अभी तक किताबें नहीं मिली है बच्चों को पुरानी किताबों से पढ़ाई कराई जा रही है। कंपोजिट विद्यालय पुरैनी की प्रधानाध्यापिका फरहत अंजुम और श्री चंद्र नानक शाही प्राथमिक विद्यालय मुराऊ टोला के प्रधानाध्यापक इंतखाब आलम ने बताया कि अभी तक पुस्तकें नहीं मिली हैं। मिश्रिख : उच्च प्राथमिक विद्यालय मिश्रिख रूरल में 154 बच्चे प्राथमिक विद्यालय में अंकित हैं।

प्रधानाध्यापक प्रिया रस्तोगी ने बताया कि अभी तक किसी भी बच्चे को पुस्तक नहीं मिली हैं। पुरानी पुस्तकों से ही बच्चों की पढ़ाई करवा रहे हैं। सिधौली में उच्च प्राथमिक विद्यालय झंखरावां व प्राथमिक विद्यालय झंखरावां कंपोजिट है। इसमें उच्च प्राथमिक मे 69 बच्चे प्राथमिक विद्यालय में 169 बच्चे पंजीकृत हैं। प्रधानाध्यापक अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि अभी तक उनके विद्यालय में किताबें नहीं आई हैं।फिलहाल पुरानी किताबों से काम चला रहे हैं। अभिभावक जगन्नाथ ने बताया मेरा बच्चा कक्षा दो में पढ रहा है। उसे अभी किताबें नहीं मिली हैं वह पुरानी किताब से पढ़ रहा हैं। पांच माह के बाद भी किताबों का न आने से पढ़ाई चौपट हो चुकी है।

पुस्तक वितरण प्रभारी प्रमोद गुप्ता ने बताया कि प्रकाशक के माध्यम से जिन विषयों की पुस्तकें आई हैं उनको अधिकांश ब्लाकों में पहुंचा दिया गया है। शेष ब्लाकों में पुस्तकें भेजी जा रही हैं। जैसे-जैसे पुस्तकें आती जाएंगी उनको विद्यालयों में भिजवाया जाएगा। बीएसए अजीत कुमार के मुताबिक अब तक जो पुस्तकें नहीं आई हैं उनके लिए प्रकाशक से पत्राचार किया गया है। पुस्तकें जल्द ही सभी छात्रों को उपलब्ध करा दी जाएंगी।

यहां वितरित की गईं पुस्तकें :

महोली : कंपोजिट विद्यालय, महसुनिया गंज, उरदौली, सढियामाऊ, मुसुआ में कुछ पुस्तकें बच्चों को वितरित की गई हैं। अन्य परिषदीय स्कूलों में बच्चों को अभी पुस्तकें नहीं मिल सकी हैं। बीईओ उपेंद्र विश्वकर्मा ने बताया सोमवार को एक गाड़ी पुस्तकें स्कूलों में वितरित करने के लिए आ रही हैं। शीघ्र ही बच्चों को पुस्तकों का वितरण किया जाएगा।

इन विषयों की नहीं आई किताबें :

कक्षा चार- पर्यावरण विज्ञान, अंग्रेजी, संस्कृत। कक्षा पांच में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, संस्कृत।कक्षा छह में हिंदी, पर्यावरण, विज्ञान, अंग्रेजी, गृह शिल्प, कृषि विज्ञान, स्काउट, शारीरिक। कक्षा सात- दीक्षा, गणित, भूगोल, इतिहास, अंग्रेजी, कृषि विज्ञान। कक्षा आठ प्रज्ञा, गणित, संस्कृत, कृषि, गृह विज्ञान।

फैक्ट फाइल :

2365 प्राथमिक विद्यालय हैं जिले में।

1146 जूनियर विद्यालय हैं जिले में।

04 लाख बच्चे पंजीकृत हैं प्राथमिक विद्यालय।

02 लाख बच्चे पंजीकृत हैं जूनियर हाईस्कूल।

18 प्रकार की पुस्तकें हैं प्राथमिक विद्यालयों की।

11 प्रकार की ही पुस्तकें प्राथमिक विद्यालयों की हैं उपलब्ध।

33 प्रकार की पुस्तकें हैं जूनियर विद्यालयों की।

12 प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध हैं जूनियर विद्यालयों की।

38 लाख पुस्तकों की है आवश्यकता।

07 लाख पुस्तकें ही हो सकी हैं प्राप्त।


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