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बाल सेवा योजना से संवरेगा 22 बच्चों का जीवन

बच्चों के चिह्नीकरण व सत्यापन के बाद समिति ने दी स्वीकृति

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 11:26 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 11:26 PM (IST)
बाल सेवा योजना से संवरेगा 22 बच्चों का जीवन
बाल सेवा योजना से संवरेगा 22 बच्चों का जीवन

सीतापुर : कोविड संक्रमण से माता-पिता को खोने वाले जिले के 22 बच्चों का जीवन मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से संवरेगा। माता-पिता के निधन से अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के प्रयास भी शुरू हो गए हैं। बच्चों के चिह्नीकरण व सत्यापन के बाद डीएम विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स ने 22 आवेदन पत्रों को स्वीकृति दी है। कोविड-19 महामारी के संक्रमण से बच्चों के माता या पिता अथवा दोनों की मृत्यु होने पर उनके भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि व्यवस्थाओं के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना संचालित की गई है। कोरोना संक्रमण से माता-पिता व संरक्षक के निधन से 22 बच्चे अनाथ हुए। डीएम की मौजूदगी में समिति ने अनाथ हुए बच्चों के आवेदन पत्रों को स्वीकृति दी है। सीडीओ अक्षत वर्मा, प्रोबेशन अधिकारी अश्विनी तिवारी, डीपीओ राजकपूर आदि मौजूद रहे।

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खैराबाद से छह, पिसावां से आया एक आवेदन

सबसे अधिक छह आवेदन सदर तहसील से मिले, इसमें चार खैराबाद व हरगांव से दो आवेदन आए हैं। सिधौली तहसील इलाके से तीन, महोली से चार आवेदन पत्र प्राप्त हुए। वहीं कसमंडा ब्लाक से दो व पिसावां से एक बच्चे का आवेदन मिला।

क्या है बाल सेवा योजना

जिन बच्चों के माता-पिता या वैध संरक्षण की मृत्यु कोविड से हो गई, उनके संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई है। बच्चे की शिक्षा, चिकित्सा व भरण-पोषण की जिम्मेदारी सरकार संभालेगी। योजना से लाभान्वित होने वाले बच्चों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। जीरो से 18 वर्ष तक आयु के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या दोनों की मृत्यु कोविड संक्रमण से हो गई हो अथवा एक की मृत्यु एक मार्च 2020 से पूर्व और दूसरे का निधन कोरोना काल में हुआ हो। दूसरी श्रेणी में जीरो से 18 वर्ष आयु के वह बच्चे आते हैं, जिन्होंने कोविड के कारण माता या पिता में से आय अर्जित करने वाले को खो दिया हो। योजना की श्रेणी व पात्रता में शामिल बच्चों को चार हजार रुपये प्रतिमाह वैध संरक्षक के खाते में भेजे जाएंगे। पूरी तरह अनाथ हुए बच्चों को बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराया जाएगा।


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