सीतापुर में भी धधकी थी स्वतंत्रता समर की मशाल
- अल्लामा फजले हक खैराबादी के फतवे से डरी थी गोरी सरकार - लाल हरि प्रसाद व बेगम हजर महल ने अंग्रेजों से किया था युद्ध।
सीतापुर: जब देश अंग्रेजों के विरुद्ध आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था। यह संघर्ष 1857 से आजादी मिलने तक जारी रहा। इसमें जिले के अनेक वीर सपूतों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कुर्बानियां दीं।
अल्लामा फजलेहक खैराबादी के फतवे से डरे थे अंग्रेज
शिक्षाविद् समाजसेवी रामजी मिश्र का कहना है कि 1857 में जब अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका गया तो अल्लामा फजलेहक खैराबादी भी उसमें शामिल हुए। अंग्रेजी सरकार के खिलाफ फतवा जारी किया। उसका असर यह हुआ कि मुस्लिम भाइयों ने इस लड़ाई में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। फतवे से अंग्रेजों की रातों की नींद हराम हो गई। उन्होंने अल्लामा फजले हक को गिरफ्तार कर कालापानी की सजा सुना दी। अंग्रेजों ने सोचा था कि अल्लामा की गिरफ्तारी के बाद लोग डर जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ लोग और भी ज्यादा भड़क गए। संघर्ष और तेज हो गया। अल्लामा के पुत्र शमशुल हक उनकी रिहाई के लिए प्रयासरत थे। वह अल्लामा साहब का रिहाईनामा लेकर वहां पहुंचे। लेकिन तब तक अल्लामा फजले हक की मृत्यु हो चुकी थी। ऐस बताया जाता है कि वह रिहाईनाम उनके साथ ही दफन कर दिया गया।
बेगम हजरत महल के साथ लड़े थे लाला हरि प्रसाद
खैराबाद के हटौरा मुहल्ला निवासी लाला हरि प्रसाद ने बेगम हजर महल के साथ मिलकर अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी। लंबा संघर्ष हुआ तमाम सैनिक शहीद हो गए। लाला हरि प्रसाद अपने कुछ साथियों के साथ बेगम हजर महल के साथ नेपाल तक गए। लेकिन इसबीच अंग्रेजों से संघर्ष के दौरान वह वीरगति को प्राप्त हो गए।
सेनानियों के रक्त से लाल हो गई थी लालबाग की धरती
18 अगस्त 1942 को लालबाग पार्क में महात्मा गांधी के आह्वान पर सैकड़ों देशभक्त एकत्र हुए। उन्होंने जुलूस निकाले अंग्रेजों भारत छोड़ो के नारे लगाए। उस संघर्ष का नेतृत्व कर रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव नारायण शर्मा बताते हैं, कि उस दिन लोग गांधीवादी तरीके से अपना आंदोलन कर रहे थे। तभी डिप्टी कलेक्टर कैलाशचंद ने लालबाग को घेर लिया हम लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। गोलीकांड भी हुआ उसमें बहुत लोग शहीद हो गए।
लालबाग पार्क में यह लोग हुए थे शहीद
चंद्रभाल मिश्रा, मुन्ना लाल मिश्रा, रघुवर दयाल, मैकूलाल, मुहर्रमअली, लल्लू राम, राज किशोर मेहरोत्रा व एक दस वर्षीय बालक छोटू।