कटी सड़कें व उजड़े आशियाने
सीतापुर : जिले के गांजरी इलाके में शारदा व घाघरा नदियों के बाढ़ का पानी सिमट चुका है। नदियां अपने दा
सीतापुर : जिले के गांजरी इलाके में शारदा व घाघरा नदियों के बाढ़ का पानी सिमट चुका है। नदियां अपने दायरे में आ गईं हैं। पानी सिमटने के बाद अब बर्बादी की तस्वीर दिखने लगी है। कहीं आशियाने उजड़े हैं तो कहीं पर सड़कें कट गईं हैं। जो सड़कें बची हैं, उनकी बजरी उखड़ गई है। कुल मिलाकर हर तरफ दिक्कतों का अंबार है।
जिले के गांजरी इलाके में हाल ही में शारदा व घाघरा नदियों की बाढ़ आई थी। इसससे लहरपुर, तंबौर व रेउसा इलाके के सौ से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे। अब बाढ़ का पानी सिमट कर नदियों में पहुंच गया है। लेकिन उस क्षेत्र में मुसीबतें कम नहीं पड़ी हैं। रेउसा इलाके में मारू बेहड़ से राजापुर जाने वाला मार्ग इतना कट गया है, कि लोगों को बीच राह में नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। रास्ते के बीच अब भी नदी का पानी बह रहा है। कुछ इसी तरह की तस्वीर जैतहिया गांव के निकट की है। यहां पर कटैला पुरवा जाने वाला मार्ग करीब 10 फीट लंबाई तक कट गया है। जिसकी वजह से बीच सड़क ने नाले का रूप ले लिया है। इस मार्ग पर करीब 15
गांव पड़ते हैं। लहरपुर इलाके में मतुआ-भदफर मार्ग जगह जगह कटा गया है। तंबौर इलाके में तंबौर-देवपालपुर मार्ग, तंबौर - बिसवां खुर्द मार्ग व तंबौर - चटेला मार्ग की हालत खस्ताहाल है। कई जगहों पर सड़कें कट चुकी हैं, तो कई जगहों पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं। इनसे लोगों का आवामन प्रभावित हो रहा है। इन गांवों के बा¨शदों का आवामगन प्रभावित हो रहा है। कोनी, भदम्मर पुरवा, धूसे पुरवा, रतौली डीह आदि ऐसे गांव हैं, जहां पर तमाम आशियाने कटान की भेंट चढ़ चुके हैं। क्षेत्र के बा¨शदों का कहना है कि हालत यह है कि सड़कें खस्ताहाल होने की वजह से आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ दूरी तय करने में घंटों का वक्त लग रहा है। स्थानीय नागरिक प्रशासन से सड़कों को दुरुस्त कराने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि सड़कें खराब होने से ¨जदगी की रफ्तार भी थमती नजर आ रही है।