शहर में हल्की बूंदाबादी, सरैंया में गिरे ओले
बुधवार को सुबह से बदली छाई रही। कुछ देर के लिए मामूली धूप निकली। इसके बाद पुन बादल छा गए। इसके बाद तेज हवाएं चलने लगीं। फिर शाम तक बादल छाए रहे। हवा भी लगातार चलती रही। इससे मौसम ठंडा हो गया। इस दौरान कुछ देर के लिए हलकी बूंदाबांदी भी हुई। सरैंया इलाके में ओले भी गिरे हैं। न्यूनतम तापमान 13 व अधिकतम 19 रहा। हवाएं 12 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलीं। बदली हवाओं के कारण दोपहर में शीत का प्रकोप बना रहा वहीं बूंदाबांदी के चलते शाम को वातावरण और भी ठंड़ा हो गया। रात में तेज हवाओं के कारण गलन भी बढ़ गई। इससे निजात के लिए आग का सहारा लेना पड़ा।
- फिर बदला मौसम का मिजाज, चलता रहा धूप-छांव का खेल
संसू, सीतापुर : बुधवार को सुबह से बदली छाई रही। कुछ देर के लिए मामूली धूप निकली। इसके बाद पुन: बादल छा गए। इसके बाद तेज हवाएं चलने लगीं। फिर शाम तक बादल छाए रहे। हवा भी लगातार चलती रही। इससे मौसम ठंडा हो गया। इस दौरान कुछ देर के लिए हलकी बूंदाबांदी भी हुई। सरैंया इलाके में ओले भी गिरे हैं। न्यूनतम तापमान 13 व अधिकतम 19 रहा। हवाएं 12 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलीं।
बदल, हवाओं के कारण दोपहर में शीत का प्रकोप बना रहा वहीं बूंदाबांदी के चलते शाम को वातावरण और भी ठंडा हो गया। रात में तेज हवाओं के कारण गलन भी बढ़ गई। इससे निजात के लिए आग का सहारा लेना पड़ा। सरैंया में हुई ओलावृष्टि
सरैंया : क्षेत्र में शाम 5 बजे हुई हल्की बारिश के साथ ओले गिरने से ठंडक बढ़ गई। क्षेत्र के गांव बगराभारी, रसूलपुर, चांदपुर, कोरौली, लोधौरी, चंदनापुर, जाननगर, केशरीपुर तथा अजीमाबाद व सदरपुर क्षेत्र के गोडैचा में ओले गिरे। हालांकि बच्चों ने इन ओलों का लुत्फ उठाया। बच्चों ने ओलों को बर्तनों में इकट्ठा करना शुरू कर दिया। गेहूं को लाभ तो सरसों व आलू को नुकसान
बरसात होने से सबसे ज्यादा असर अगर किसी को पड़ता है तो वह किसान है। किसी किसान को इससे लाभ होता है तो किसी को हानि का सामना करना पड़ता है। इस समय गेहूं व गन्ने की फसल का शुरूआती समय है तो वहीं आलू, मटर व सरसों तैयार है। ऐसे में जो फसल का शुरूआती समय है उसे लाभ होगा और जो फसल तैयार है उसे नुकसान होता है। बुधवार को भी अचानक हुई बरसात व ओला वृष्टि किसानों के लिए मिलाजुला असर डाल गई। पानी व ओले गिरने से गेहूं व गन्ना की फसलों को लाभ होने से किसानों को राहत मिली है। सरसों तथा आलू व मटर को नुकसान होने से किसानों को मायूस होना पड़ा।