बीज मिला नहीं, किसान सम्मान के लिए भटकते किसान
गुरुवार को किसान सम्मान का आवेदन लेकर बुजुर्ग महिला कई घंटे कार्यालय के गेट पर ही बैठी रही। लेकिन उसकी फरियाद नहीं सुनी गई।
सीतापुर : कृषि रक्षा इकाई के केंद्रीय कृषि बीज भंडार, प्रेमनगर कार्यालय कर्मचारियों की कार्यशैली ऐसी है कि, गुरुवार को किसान सम्मान का आवेदन लेकर बुजुर्ग महिला कई घंटे कार्यालय के गेट पर ही बैठी रही। रसूलगंज निवासी शांति का आवेदन गलत हो गया था, जिसे सही कराकर वह कृषि रक्षा इकाई कार्यालय आई थीं। किसान सम्मान के लिए वे पहले भी कई बार कार्यालय के चक्कर काट चुकी हैं। किसान रामस्वरूप भी किसान सम्मान के आवेदन में गलत फीड हुए बैंक खाता संख्या को सही कराने के लिए कार्यालय के कर्मचारियों से मनुहार कर रहे थे। शाह महोली से आए किसान हरिश्चंद्र भी कई बार कार्यालय आ चुके हैं। इनकी किसान सम्मान निधि की तीसरी किस्त अब तक नहीं आई है।
ढैंचा बीज के लिए जाओ ऐलिया
रामकोट क्षेत्र के गांव अरथाना निवासी दुर्गेश शुक्ला केंद्रीय बीज भंडार पर ढैंचा का बीज लेने आए थे। बोर्ड पर तो बीज उपलब्ध होने की सूचना लिखी थी। कर्मचारियों ने बीज न होने की बात कहकर उन्हें ऐलिया जाने को कहा। बीज न मिलने से किसान परेशान होकर काफी देर तक कार्यालय परिसर में ही खड़ा रहा।
सब्सिडी के लिए कार्यालय की दौड़
खैराबाद की ग्राम सभा दारानगर के गांव ननहोइया निवासी संत कुमार ने 710 रुपये का गेहूं का बीज खरीदा था। फसल कटकर घर आ गई, लेकिन बीज की सब्सिडी के 355 रुपये अब तक उन्हें नहीं मिले। सब्सिडी के लिए वे दस बार कार्यालय आ चुके हैं। खैराबाद स्थित कार्यालय भी जा चुके हैं।
किसान कुछ समझते नहीं : उप निदेशक कृषि
किसान सम्मान लिए कार्यालय आ रहे किसानों के बारे में उप निदेशक कृषि अरविद मोहन मिश्रा का कहना है कि, किसान कुछ समझते ही नहीं। बेवजह ही दौड़ लगा रहे हैं। उनके अनुसार अब ढैंचा बोने का समय ही नहीं है। किसान गलत समय पर बीज लेने आ रहे हैं।