डाक्टर नदारद, एक्सरे व अल्ट्रासाउंड हो रहा बाहर
15 नियमित व 21 संविदा कर्मचारी सीएचसी में तैनात इंतजार करते मिले मरीज।
आदित्य वाजपेयी, सीतापुर
सुबह 10:10 बजे थे, मछरेहटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य गेट पर कई मरीज डाक्टरों का इंतजार कर रहे थे। वहीं, 10.15 बजे ओपीडी में डाक्टरों की कुर्सियां खाली थीं। 10.20 बजे कोविड टीकाकरण बूथ पर भी कुर्सियां खाली नजर आईं। 10.30 बजे तक कर्मचारियों की कुर्सियां खाली थीं। केवल एक महिला कर्मी मौजूद थी। डाक्टरों और कर्मचारियों के इंतजार में कई मरीज चहलकदमी कर रहे थे।
10.17 बजे सीएचसी अधीक्षक डा. कमलेश कुमार अपने कार्यालय में कागजी कार्य निपटाते नजर आए। वहीं, 10.35 बजे तक पंजीकरण काउंटर पर कोई कर्मचारी नहीं था। कई मरीज पर्चा बनवाने के लिए इंतजार करते मिले। होम्योपैथिक डिस्पेंसरी के स्टोर रूम में टूटी हुई कुर्सियां व सामान बिखरा पड़ा था। इसमें कबाड़ व धूल इस कदर मिली, जैसे काफी समय से सफाई न हुई हो। यही हाल आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का भी था। लेबर रूम के बगल में स्थित शौचालय का दरवाजा टूटा मिला। अंदर गंदगी भी नजर आई। स्वास्थ्य केंद्र के बेड खाली थे।
वैक्सीन स्टोर रूम के इंचार्ज रमेश गुप्ता तो बैठे मिले, मगर अन्य कुर्सियां खाली थीं। टीबी रूम में भी कोई नहीं था। टीबी के 150 रोगियों का इलाज चल रहा है। लेकिन, स्वास्थ्य केंद्र में एक भी विशेषज्ञ नहीं हैं। संबंधित मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया जाता है। आयुष का भी कोई डाक्टर तैनात नहीं है।
अधीक्षक सीएचसी मछरेहटा डा. कमलेश कुमार ने बताया कि शनिवार को दोनों डाक्टर ओपीडी में विलंब से आए हैं। डाक्टर समेत अन्य कर्मचारियों से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। यहां डाक्टरों की कमी है। विशेषज्ञ कोई तैनात नहीं है। इससे असुविधा होती है। मरीजों को रेफर करना पड़ता है। स्वीपर का पद रिक्त है, निजी स्तर पर सफाई कराते हैं। एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है। कुछ समस्याएं हैं, जिसके लिए अधिकारियों को लिखित में अवगत कराया गया है। समस्याएं दूर कराने का प्रयास जारी है।
अधीक्षक समेत तीन चिकित्सक :
सीएचसी अधीक्षक के अलावा डा. अभिनव वर्मा, डा. मनोज कुमार की तैनाती है। वह भी ओपीडी में समय से नहीं बैठते। ऐसे में आने वाले मरीजों को इंतजार करना पड़ता है।
बाहर से जांच करा रहे मरीज :
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे व अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा नहीं है। जांच के लिए मरीजों को परेशान होना पड़ता है। यह जांच बाहर निजी केंद्रों पर कराते हैं। बाहर महंगी दर पर जांच होती है।
15 नियमित व 21 संविदाकर्मी :
स्वास्थ्य केंद्र में नियमित 15 लोगों का स्टाफ है। जबकि 21 कर्मचारी संविदा पर हैं। दो फार्मासिस्ट की तैनाती है। स्वीपर का पद रिक्त है। अस्पताल परिसर में गंदगी की समस्या है। परिसर में घास उगी थी, कूड़ा बिखरा हुआ था। शौचालय भी गंदे थे। बताया गया कि मजदूर लगाकर कभी-कभार सफाई होती है।