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'साहेब' हमारा आवास बन गया, अब रिकवरी न करें

सीतापुर : मंगलवार को जिले की सभी सात तहसीलों में संपूर्ण समाधान दिवस के तहत जन सुनवाई का क

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 11:28 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 11:28 PM (IST)
'साहेब' हमारा आवास बन गया, अब रिकवरी न करें
'साहेब' हमारा आवास बन गया, अब रिकवरी न करें

सीतापुर : मंगलवार को जिले की सभी सात तहसीलों में संपूर्ण समाधान दिवस के तहत जन सुनवाई का कार्यक्रम हुआ। इसमें सिधौली तहसील में जन सुनवाई की अध्यक्षता डीएम शीतल वर्मा कर रही थीं, जबकि बिसवां में एडीएम विनय पाठक की अध्यक्षता में जन सुनवाई हुई। सिधौली में दो दर्जन से अधिक पीड़ितों की अर्जियों पर खुद डीएम ने सुनवाई की और वहीं मौके पर ही संबंधित अधिकारियों-कर्मियों को तलब कर नौ लोगों की समस्या का निस्तारण कराया। इस दौरान डीएम के सामने नीलगांव के कई लाभार्थियों ने गुहार लगाई कि उनका प्रधानमंत्री आवास बन गया है और अब उन्हें धनराशि रिकवरी का नोटिस दिया गया है। जिससे वे सभी परेशान हैं। बिसवां में एडीएम ने भी सात पीड़ितों की समस्या जन सुनवाई में ही निस्तारित कराई है। लगाए स्टॉल, किया पंजीकरण

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सिधौली : जन सुनवाई में नीलगांव के ग्रामीणों ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर कहा, 'साहेब' हम सभी 16 लाभार्थियों को अब अपात्र घोषित कर दिया गया है। जबकि उनका प्रधानमंत्री आवास योजना में प्राप्त धनराशि से आवास बन गया है। घर बनने के बाद धनराशि रिकवरी का नोटिस जारी हुआ है, वे सभी निर्धन हैं। धनराशि वापस करने में समक्ष नहीं हैं। बीडीओ रचना गुप्ता के मुताबिक ये मामला कोर्ट में है। नीलगांव के पीएम आवास प्रकरण की विधान परिषद समिति एक टीम ने भी जांच की है। मामला उच्च स्तर का है, अंतिम कार्रवाई लंबित है। जन सुनवाई के दौरान तहसील परिसर में कृषि, स्वास्थ्य, आपूर्ति सहित कई विभागों ने स्टॉल लगाए थे। यहां विभागीय योजनाओं की जानकारी देकर पात्रों को पंजीकृत किया गया। समाधान दिवस के बाद डीएम ने पॉवर हाउस रोड पर नगर पंचायत द्वारा निर्मित कराए गए 6 सीटों के सामुदायिक शौचालय का उद्घाटन किया।

टैक्सी स्टैंड का निर्धारण कर दें

सिधौली नगर पंचायत के सभासदों ने संपूर्ण समाधान दिवस में आकर डीएम से अनुरोध किया कि कस्बे में बिसवां, महम दाबाद आदि तहसील क्षेत्रों में सवारी ढोने वाले वाहन सिधौली कस्बे में घूम-घूम कर सवारियां भरते हैं। इनके लिए कोई स्थाई टैक्सी स्टैंड का निर्धारण कर दिया जाए। इससे आय के साथ ही सवारियों को भी आसानी होगी।


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