तालाब में नहीं मिला मगरमच्छ, टीम लौटी
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सरैयां (सीतापुर) : शारदा सहायक पोषक नहर से महिमापुर देवकलिया में गांव के तालाब में शरण लेने वाला करीब छह फिट लंबा मगरमच्छ लापता हो गया है। लखनऊ कुकरैल से आई टर्टल सर्वाइवल अलायंस (टीएसए) टीम ने बुधवार को गांव के तालाबों से लेकर गन्ना व धान के खतों तक में रेस्क्यू किया पर मगरमच्छ खोजे नहीं मिला है। सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक पड़ताल के बाद खाली हाथ टीम बैरंग राजधानी लौट गई।
टीएसए टीम की परियोजना प्रबंधक अरुणिमा सिंह ने बताया कि महिमापुर गांव के आसपास थोड़ी-थोड़ी दूरी पर चार तालाब हैं। इसमें एक तालाब से दूसरे तालाब में मगरमच्छ के जाने के निशान मिल रहे हैं पर वह है कहां, ये पता नहीं चल पाया है। वैसे निशानदेही पर गन्ना व धान की फसलों वाले खेतों में चार-पांच घंटे खोजबीन की गई पर कामयाबी हाथ नहीं लगी है। फिलहाल ग्रामीणों को अलर्ट किया गया है, जैसे ही मगरमच्छ दिखता है वे वन क्षेत्राधिकारी को खबर करेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि चहलारी घाट की मछुआरों की 17 सदस्यीय और सर्वाइवल अलायंस की सात सदस्यीय टीमों ने पहले तालाब और फिर निशानदेही पर गणेश सिंह व बांकेलाल के गन्ने के खेत में और ननकऊ, भुरऊ, अनीस के धान के खेत में मगरमच्छ को खोजा। ग्रामीणों के मुताबिक, महिमापुर देवकलिया के चमारनपुरवा के पिपरहिया तालाब, महिमापुर के कोइली तालाब में भी मगरमच्छ तलाशा गया पर कहीं दिखा नहीं है।
ग्रामीणों में और बढ़ी दहशत
महिमापुर व आसपास के गांव वालों का कहना है कि मगरमच्छ तालाब से निकलकर कहां चला गया है ये पता नहीं चला है। इसलिए अब और भय होने लगा है। छोटे बच्चों के लिए खतरा अधिक बढ़ गया है। इसलिए देर-सबेर खेतों पर भी जाने में भय लग रहा है। महिमापुर के कई तालाबों व खेतों में मगरमच्छ की तलाश की गई है पर, उसका पता नहीं लगा है। वैसे तालाब से निकल जाने के निशान जरूर मिले हैं। गांव वालों को अलर्ट किया है। वन कर्मियों को भी निगरानी में लगा दिया गया है।
- अभय कुमार मल्ल, वन क्षेत्राधिकारी