नगर क्षेत्र के तालाबों में भरा दूषित पानी, नगरवासियों को परेशानी
नगर क्षेत्र में स्थिति तालाबों का पानी हुआ केमिकल युक्त
सीतापुर: नगर क्षेत्र के 25 वार्डों व 52 से भी अधिक मुहल्लों की 65 हजार आबादी जलभराव से विगत कई दशकों से काफी त्रस्त है। जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण ऐतिहासिक धरोहरों के रूप में मौजूद तालाब पोखरों का पानी दूषित हो गया है। मच्छरजनित बीमारी का भय बना रहता है। मुहल्ला करनपुर निवासी मोहम्मद आफाक अंसारी उर्फ बड़कऊ का कहना है कि नगर क्षेत्र का ऐतिहासिक राजा का तालाब, मेवाती टोला स्थित तालाब तथा गोबरहिया तालाब, मसवासी तालाब आदि का पानी टेढवा तालाब में आता है। पानी इतना ज्यादा विषाक्त हो गया है की जलचर जीवों का जीवन संभव नहीं है। टेढ़वा तालाब के पानी की निकासी न होने के कारण धीरे-धीरे पानी निचले जल स्थल की ओर बढ़ रहा है। व्यवसाई लक्ष्मण जायसवाल का कहना है की विगत कई दशकों से ऐतिहासिक राजा का तालाब, गोश्त मंदी का तालाब गोबरहिया तालाब मसवासी तालाब में पानी भरा हुआ है तथा पानी केमिकल युक्त गंदा पानी है जोकि इतना ज्यादा जहरीला है की तालाब की मछलियां कई बार मर चुकी हैं। इस ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। व्यवसाई देवेंद्र मिश्र का कहना है कि नगर क्षेत्र के अधिकांश इंडिया मार्का हैंडपंप का पानी पीने योग्य नहीं रह गया हैं। पानी भरने के कुछ ही मिनटों के उपरांत पीला तैलीय हो जाता है। ज्यादा देर तक रखने पर पानी से बदबू आने लगती है। स्थानीय नागरिकों के आगे शुद्ध पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। शीतांशु जायसवाल का कहना है की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा इसकी जांच की जानी चाहिए। तथा तालाब, कुंओं से निकलने वाले पानी के टीडीएस की जांच की जानी चाहिए। नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ह्रदयानंद उपाध्याय का कहना है कि नगर क्षेत्र में जलभराव की निकासी हेतु नालागढ़ गौरी देवी मंदिर के पड़ोस लेकिन पूरा नहीं हो पाया है जब पूरा हो जाएगा तो तालाबों का पानी निकलने लगेगा।