महिमा बा अगम अपार हे छठ मइया..
सीतापुर : मंगलवार को शाम के 4.30 बज रहे थे। गोल्फ ग्राउंड और 27वीं वाहिनी पीएसी के तालाब
सीतापुर : मंगलवार को शाम के 4.30 बज रहे थे। गोल्फ ग्राउंड और 27वीं वाहिनी पीएसी के तालाबों पर सुर्ख जोड़ों में सज-संवरकर महिलाओं का हुजूम उमड़ रहा था। ढलते सूर्य की छाव में इस हुजूम की शोभा देखती ही बनती थी। इन महिलाओं के साथ परिजन सिर पर बांस की टोकरी में फल व पकवान लेकर तालाब किनारे पहुंच रहे थे। ये सब ऐसा प्रतीत हो रहा था मानों यहां कोई मेला हो रहा है। सोमवार शाम खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद से निर्जला व्रत महिलाओं ने तालाब किनारे पहुंच वहां बनाई गई वेदियों का हल्दी, गंगाजल आदि से पूजन कर कलश स्थापित किया। फिर वेदी के चारों ओर छोटे-छोटे दीपक व एक बड़ा दीपक जलाकर पूरे मनोवेग से ढलते सूर्य को याद किया। इससे पहले तालाब में हरा-भरा व सुख-समृद्धि के प्रतीक गन्ने को खड़ा उसे नए वस्त्र पहनाए और मां गंगा का स्वरूप मानकर उसमें पंचमेवा, फल, ठेनुआ व दक्षिणा एक साथ कपड़े में लपेट कर बांधा। फिर तालाब में मां गंगा स्वरूप गन्ने के समीप खड़े होकर व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर होने वाले इस धार्मिक महोत्सव के मौके पर महिलाओं ने सुख-समृद्धि की कामना की। गीतों ने बनाया भक्तिमय माहौल
गोल्फ ग्राउंड पर लाउड स्पीकर के माध्यम से छठ माई के गीत महिमा बा अगम अपार हे छठ मइया.., उग हे सूरजदेव अरघ के बेरिया.., दर्शन देहू न अपार हे दीनानाथ.. बजते रहे। इन गीतों ने माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। ढोल-नगाड़े भी बजते रहे।