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भाई के सामने भाई या फिर कोई और..!

सबसे दिलचस्प है हरगांव विधानसभा क्षेत्र में टिकट की जंग खूब लग रहीं अटकलें। भाजपा विधायक सुरेश राही के खिलाफ सपा से दावेदारी ठोक रहे उनके भाई रमेश।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 11:01 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 11:01 PM (IST)
भाई के सामने भाई या फिर कोई और..!
भाई के सामने भाई या फिर कोई और..!

गोविन्द मिश्र, सीतापुर

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हरगांव विधानसभा क्षेत्र। यहां पहला चुनाव वर्ष 1967 में हुआ था। इस सीट के सृजन के करीब 54 वर्ष के इतिहास पर नजर डालें तो यह पहला मौका है, जब चुनाव से पहले ही दावेदारों के बीच जबरदस्त खींचतान है। भाई अपने भाई के सामने ही मैदान में उतरने को बेताब है। टिकट को लेकर स्थितियां अभी भले ही स्पष्ट न हुईं हों लेकिन, दोनों भाइयों की एक ही सीट पर चल रहीं तैयारियों को देखकर मतदाता जरूर असमंजस में हैं। आने वाले दिनों में इस सीट से विधायक भले ही कोई बने लेकिन, प्रत्याशियों का चयन भी आमजन के लिए काफी रोचक होने वाला है। पूर्व मंत्री रामहेत भारती भी सपा में जाकर अपनी दावेदारी ठोक चुके हैं।

अब बात बीते चुनाव की। वर्ष 2017 में भाजपा ने सुरेश राही को मैदान में उतारा था। उनके सामने बसपा से रामहेत भारती जबकि, सपा से मनोज राजवंशी मैदान में थे। इस बार हालात विपरीत हैं। सुरेश राही विधायक हैं। उनके बड़े भाई रमेश राही भी इसी सीट से मैदान में उतरने को बेताब हैं। वह खुद को सपा के टिकट का दावेदार बता रहे हैं। वह एक बार इसी सीट से सपा के टिकट पर विधायक भी चुने जा चुके हैं। वैसे, रामहेत भारती के सपा में आने के बाद सपा के भीतर भी मुकाबला दिलचस्प है।

भाजपा विधायक हरगांव सुरेश राही ने बताया कि अभी इस बारे में कुछ भी बोलना उपयुक्त नहीं होगा। वैसे, मैदान में कोई भी हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। पूर्व विधायक, सपा हरगांव रमेश राही ने बताया कि इस बार मैं सपा से चुनाव लड़ने को तैयार हूं, भले ही हमारे सामने भाई ही हों। सपा का टिकट मुझे ही मिलेगा।

फूंक-फूंककर कदम रख रहे सभी दल :

इस सीट पर किसी भी दल ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। टिकट को लेकर जबरदस्त घमासान के बीच यह देखने योग्य होगा कि भाजपा और सपा के सामने अन्य दलों की रणनीति क्या होगी। सभी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। अटकलें यह भी लगाई जा रहीं हैं कि कहीं रूठों पर दांव चलने का खेल शुरू न हो जाए। इस सीट पर कांग्रेस, बसपा और आप की रणनीति पर भी सबकी नजर है।

इस पर भी डालिए नजर :

- सुरेश राही को भाजपा ने वर्ष 2017 में टिकट दिया और उन्होंने इस चुनाव में जीत भी हासिल की।

- रमेश राही सपा के टिकट पर चुनाव जीते और उनका कार्यकाल वर्ष 1996 से वर्ष 2002 तक रहा।

- रामहेत भारती वर्ष 2002 से वर्ष 2012 तक तीन बार विधायक रहे। बसपा सरकार में मंत्री भी बने।


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