श्रीकृष्ण प्रेम के मूल स्वरूप
प्रभु से प्रेम भक्ति का ही पर्याय है। प्रेम से ही भगवत की प्राप्ति संभव है।
रामपुर मथुरा (सीतापुर) : प्रभु से प्रेम भक्ति का ही पर्याय है। प्रेम से ही भगवत की प्राप्ति संभव है। श्रीकृष्ण प्रेम के मूल स्वरूप हैं। उन्होंने गोपिकाओं से प्रेम का जो अमर संदेश दिया वह हमें सच्ची भक्ति के लिए प्रेरित करता रहेगा। यह बात कुड़वा बल्लोपुर स्थित पंच मुखी बालाजी धाम परिसर में चल रही भागवत कथा सुनाते हुए व्यास महामंडलेश्वर राघव दास महराज ने कही। व्यास ने कहा भगवान कृष्ण ने प्रेम की भक्ति का जो संदेश दिया वह सदैव जीवंत रहेगा। कथा के दौरान श्रीधाम वृंदावन के कलाकारों ने मनोहारी झांकियां प्रस्तुत की। समापन के बाद कन्या भोज व भंडारे का आयोजन हुआ। लल्ला मिश्र, लक्ष्मी नारायण मौर्य, पुजारी अवधेश दास, गोपाल दास, ज्ञानू शुक्ला, सोनू, संजय कुमार, नरपति सिंह, गिरीश चंद्र शुक्ल आदि मौजूद रहे।