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संसारपुर की गोशाला में कर्जदार हुई ग्राम पंचायत

उप मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी आरसी चौधरी ने कहा है

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 12:03 AM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 12:03 AM (IST)
संसारपुर की गोशाला में कर्जदार हुई ग्राम पंचायत
संसारपुर की गोशाला में कर्जदार हुई ग्राम पंचायत

सरैयां (सीतापुर) : पहला ब्लॉक क्षेत्र में संसारपुर की गोशाला ग्राम पंचायत के लिए मुसीबत बन गई है। 700 मवेशियों के चारा और बकाएदारी को लेकर प्रधान परेशान हैं। प्रधान शैलेंद्री देवी का कहना है कि गोशाला निर्माण सामग्री का करीब सात लाख रुपये बाकी है। दुकानदार बकाया मांग रहे हैं। गोशाला में 14 मजदूर कार्यरत हैं। तीन महीने से इनकी मजदूरी बाकी है।

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उप मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी आरसी चौधरी ने कहा है कि, पशुओं के भरण-पोषण के लिए एक करोड़ रुपये मिला है। महमूदाबाद तहसील को 20 लाख रुपये मिले हैं। संसारपुर गोशाला में पशुओं के भरण-पोषण की धनराशि देने के लिए एसडीएम ने पत्र लिखकर बुधवार को प्रधान को बुलाया है। इस गोशाला ने पूर्व में दी गई धनराशि का समायोजन प्रस्तुत नहीं किया है। प्रधान पूर्व के बिल-बाउचार दें और भरण-पोषण के लिए धनराशि प्राप्त कर लें। संसारपुर गोशाला को 30 रुपये प्रतिदिन प्रति पशु के चारे के हिसाब से कुल 7.75 लाख रुपये दिए जाएंगे। यदि इसके अतिरिक्त और धनराशि की जरूरत है तो प्रधान डिमांड प्रस्तुत करें। गोशाला में कार्यरत मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान डीएम राहत कोष से होगा, इसके लिए प्रधान संबंधित मजदूरों व कार्य का विवरण दें। गोशाला निर्माण सामग्री बकाया भुगतान ब्लॉक कार्यालय से होगा। प्रधान बीडीओ से संपर्क करें। दान कर दी गन्ने की फसल

सोमवार को सरैंया कादीपुर के अनिल यादव गोशाला पहुंचे। चारे के अभाव में पशुओं की दशा देख उन्होंने अपने एक एकड़ गन्ने की फसल दान कर दी है। प्रधान से कहा है, गन्ना काटकर पशुओं को चारा दें। कहीं कोई सुनवाई नहीं..

गोशाला में समस्या को लेकर 1076 पर काल करने के साथ ही डीएम को भी प्रार्थना पत्र दिया था। बीडीओ व पशु चिकित्सा अधिकारी को भी खबर की है पर सुनवाई नहीं हुई है।

- विजय बहादुर वर्मा, प्रधान प्रतिनिधि 4.50 लाख रुपये बाकी हैं..

गोशाला में टिन शेड लगवाए थे। इसके 4.50 लाख रुपये बाकी हैं। भुगतान के लिए एसडीएम कार्यालय में बिल भी प्रस्तुत कर दिए थे पर भुगतान नहीं हुआ है। जून से गोशाला संचालित है। शुरुआत में 11 जुलाई तक पशुओं के चारे की व्यवस्था को सरकारी मदद मिली थी और फिर कोई धनराशि नहीं मिली है।

- रामकिशोर वर्मा, ग्राम पंचायत अधिकारी


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