नए हाथों में एंबुलेंस की चाबी, भगवान भरोसे मरीज
एंबुलेंस कर्मी सोमवार से कार्य बहिष्कार किए हैं। प्रशासन
सीतापुर : एंबुलेंस कर्मी सोमवार से कार्य बहिष्कार किए हैं। प्रशासन ने सख्ती दिखाकर बुधवार शाम निजी चालकों को बुलाकर चाबी उनके हाथ पकड़ाकर एंबुलेंस सिपुर्द कर दी। इधर पहली बार एंबुलेंस की स्टेयरिग हाथ में आई तो निजी चालकों का उत्साह दोगुना हो गया। दोस्तों को भी सैर कराई। पहले दिन गुरुवार को कई एंबुलेंस में ऐसा ही देखा गया। जिला अस्पताल पुलिस चौकी के कांस्टेबल भी हैरत में थे। अस्पताल आने-जाने वाली एंबुलेंस की संख्या कम है, पर आज सायरनों की आवाज अन्य दिनों से अधिक ही गूंज रही है।
दोपहर डेढ़ बजे 108 एंबुलेंस से कुछ दोस्त जिला अस्पताल में दाखिल हुए। पूछने पर नाम नहीं बताया। फिर कहा, वह एक रोगी को लेकर आए हैं। वहीं, मिश्रिख सीएचसी से करंट से झुलसे एक युवक को चालक आकाश यादव एंबुलेंस से लाए थे। बताया, चाबी मिली है पर अनुभव नहीं है। एंबुलेंस पर ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) भी नहीं है। रोगियों को अस्पताल तक आने के रास्ते में एंबुलेंस के अंदर इमरजेंसी उपचार सुविधा नहीं है। परसेंडी सीएचसी से निजी चालक रीतेश राजपूत बीमार महिला को जिला अस्पताल लाए थे। इन्होंने भी ईएमटी की दिक्कत बताई। कहा, महिला गंभीर थी। रास्ते में इमरजेंसी उपचार की जरूरत थी, पर क्या करें ईएमटी नहीं है। वे हड़ताल पर हैं।
एएलएस छोड़ सभी एंबुलेंस चालू
सीएमओ डा. मधु गैरोला का कहना है कि एएलएस की चार एंबुलेंस छोड़कर 108 व 102 की सभी 93 एंबुलेंस सक्रिय हो गई हैं। उन्हें एआरटीओ के जरिए निजी ड्राइवर मिल गए हैं। लखनऊ गए आंदोलनकारी एंबुलेंस कर्मी
एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिला मीडिया प्रभारी निशांत मिश्र ने बताया, गुरुवार को उनका प्रदर्शन जिले पर नहीं हुआ है। सभी कर्मी लखनऊ में प्रांतीय नेतृत्व के प्रदर्शन में शामिल होने आए हैं। उन्होंने बताया, जिले में एंबुलेंस पर कुल 382 कर्मी नियुक्त हैं। ये सभी लखनऊ में हो रहे प्रदर्शन में शामिल हुए हैं।