थम गई लाइफलाइन, तड़प गए मरीज
जिले में सोमवार को एंबुलेंस चालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के पहले दिन स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई। मरीजों क
सीतापुर : सोमवार को एंबुलेंस चालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के पहले दिन स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई। मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सुबह से शाम तक एंबुलेंस की मदद के लिए कंट्रोल रूम में घंटियां बजती रहीं, लेकिन मरीजों को इस सेवा का लाभ नहीं मिल सका। ऐसे में तीमारदारों ने मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए प्राइवेट एंबुलेंस, ई-रिक्शा, ठेलिया और बाइकों का सहारा लेना पड़ा। जिले में 102 की 46, 108 की 47 और एएलएस की चार एंबुलेंस हैं। वेतन न मिलने, सैलरी बढ़ाने और पायलेट प्रोजेक्ट (मरीजों को लाने के हिसाब से पैसे) लेने की व्यवस्था के खिलाफ रविवार आधी रात से ही सभी चालकों ने आरएमपी इंटर कॉलेज ग्राउंड पर एंबुलेंस को खड़ी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी थी। इसका खामियाजा सोमवार की शाम तक मरीज उठाते रहे। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि, शाम तक कंट्रोल रूम लखनऊ में 108 एंबुलेंस के लिए 282 कॉल, 102 के लिए 368 और एएलएस के लिए आठ कॉल गई थी, लेकिन चालकों की हड़ताल की वजह से एक भी मरीज को अस्पताल पहुंचाया नहीं जा सका। तालगांव के कसरैला में हादसे में घायल गोविद को प्राइवेट वैन, महोली के रपातपुर की बीमार फूलमती को बाइक से, शहर के मुंशीगंज निवासी वैभव गुप्ता को हादसे में घायल होने के बाद ऑटो से जिला अस्पताल लाया गया। इसके अलावा 20 से अधिक और मरीज अपने वाहनों से पहुंचे थे। इसी तरह जिला महिला अस्पताल में भी 12 प्रसूताएं निजी वाहनों के जरिए लाई गई थी। मरीजों की परेशानियां यहीं पर नहीं थमी। पिसावां में प्रसूता को ठेलिया से, मिश्रिख में पति अपनी पत्नी को बाइक पर बिठाकर अस्पताल जाने को मजबूर हुआ। रेउसा में ठेलिया और पिसावां में प्रसूता ने अस्पताल से घर जाने के लिए ई-रिक्शा की मदद ली। हड़ताल पर 25 को बैठक, निकलेगा हल
सूत्रों ने बताया कि, हड़ताल को लेकर प्रदेश कोषाध्यक्ष सुशील पांडेय से बात हुई है। 25 सितंबर को एंबुलेंस कंपनी के अधिकारियों और श्रम आयुक्त की बैठक होगी। इसके बाद ही हल निकल सकेगा। जारी रहेगी अनिश्चितकालीन हड़ताल
जीवनदायिनी एंबुलेंस सेवा संघ के जिलाध्यक्ष अभिषेक मिश्रा बताते हैं कि, मांगे पूरी न होने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल दिन और रात जारी रहेगी।