Move to Jagran APP

तालगांव की गोशाला में खुले आसमान के नीचे रहते गोवंश

जरा सी बारिश से गोशाला में नजर आता है सिर्फ कीचड़

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 12:59 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 12:59 AM (IST)
तालगांव की गोशाला में खुले आसमान के नीचे रहते गोवंश
तालगांव की गोशाला में खुले आसमान के नीचे रहते गोवंश

तालगांव (सीतापुर) : टिनशेड न ही पेड़ों की छांव। बस पुरानी नहर कोठी का जर्जर भवन के सहारे ही गोवंश के संरक्षण का दावा किया जा रहा है। परसेंडी ब्लाक की तालगांव गोशाला में संरक्षित जानवरों को खुले में ही रहना पड़ रहा है। गर्मी और बरसात में भी जानवर खुले आसमान के नीचे ही खड़े रहते हैं। जरा सी बारिश से गोशाला में कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है, जिसके चलते जानवर कई-कई दिन बैठ भी नहीं पाते। गोवंश बीमार भी हो रहे हैं। कुछ दिन पूर्व गोशाला का निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम लहरपुर पीएल मौर्या ने अव्यवस्थाओं पर नाराजगी भी जताई थी।

loksabha election banner

पुराना जर्जर भवन और 320 गोवंश

तालगांव की गोशाला में 320 गोवंश संरक्षित हैं। नहर कोठी का जर्जर भवन ही इन गोवंशों का आश्रय स्थल है। इस भवन में कुछ जानवर ही पनाह पाते हैं। अधिकांश गोवंश खुले में ही रहते हैं। पूरी गोशाला में एक भी टिनशेड नहीं है। गोशाला में महज दो-चार पेड़ ही लगे हैं।

नल के भरोसे पेयजल व्यवस्था

गोशाला में संरक्षित गोवंशों की पेयजल व्यवस्था नल के भरोसे पर है। गोवंशों के लिए नांद में नल व पंपसेट लगाकर नहर से पानी भरा जाता है। गोवंशों को हरा चारा नसीब नहीं हो रहा है। खुले में बनी चरही (चन्नी) में सूखा भूसा डाल दिया जाता है।

छह मजदूर कर रहे हैं देखरेख

गोशाला में संरक्षित गोवंशों की देखरेख की जिम्मेदारी छह मजदूर संभाल रहे हैं। मैनुद्दीन, जमीला, काजिम, रोहित, ताजुद्दीन व नियाजू ने बताया कि गोशाला में हरे चारे का इंतजाम नहीं है। गोवंशों को रोकने के लिए कराई गई बैरीकेडिग की बल्लियां कमजोर हो गई हैं। गोशाला में प्रकाश की व्यवस्था भी नहीं है।

तीसरे दिन आते चिकित्सक, मजदूर करते देखरेख

पशु चिकित्सक तीसरे गोशाला पहुंचकर गोवंशों का हाल जानते हैं। बीमार पशु का उपचार किया जाता है। बीच के दिनों में मजदूर ही बीमार गोवंशों की देखरेख करते हैं।

वर्जन

टिनशेड का स्टीमेट भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। अन्य व्यवस्थाएं भी दुरुस्त की जाएंगी।

- आशीष यादव, पंचायत सचिव

कुछ दिन पहले गोशाला का निरीक्षण किया था। गोशाला में टिनशेड बनवाने का निर्देश दिया गया है। भूसा व अन्य इंतजाम भी कराए जा रहे हैं। मदनापुर में गोशाला के लिए जमीन भी चिह्नित की गई है।

- पीएल मौर्य, एसडीएम लहरपुर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.