नाग वंशीय राजाओं का स्थान नगवा कोथावां
नैमिषारण्य क्षेत्र की 84 द्मश्रह्यद्ब श्चह्मद्बद्मह्मद्वड्ड
सीतापुर : 84 कोसी परिक्रमा के तीसरा पड़ाव नगवा कोथावां हरदोई जिले में है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस पड़ाव की कथा भी रोचक है। फाल्गुन मास की तृतीया को परिक्रमा हरैय्या से चलकर हत्याहरण तीर्थ पहुंचती है। कहते हैं, जाने-अनजाने में मनुष्य से जो पाप होते हैं, वह सभी इस तीर्थ में स्नान करने से नष्ट हो जाते हैं। कुछ लोग इसे नागवंशीय राजाओं का स्थान भी मानते हैं। मान्यता है कि, नगवा पद्यनाभ नामक नागराज का स्थान है। यहां पर भादों महीने में प्रतिवर्ष हर रविवार को बड़ा मेला लगता है। इस मेले में उप्र के साथ ही अन्य प्रांतों से भी श्रद्धालु शामिल होते हैं।
हरैया से सात किमी दूर हत्याहरण तीर्थ है।
इन तीर्थ स्थलों के होते दर्शन
कोथावां गोपाल क्षेत्र तीर्थ है। इसी गोपाल क्षेत्र की परिक्रमा करते हैं। शिव, श्रीविष्णु बाला जी मंदिर कोथावां में हैं। गिरजा-विरजा तीर्थ, मोटेमल महादेव मंदिर पाप, नार्मदेश्वर तीर्थ के दर्शन होते हैं।