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बोल कड़ाकड़ सीताराम..जय-जय सियाराम..

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By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 11:32 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 06:11 AM (IST)
बोल कड़ाकड़ सीताराम..जय-जय सियाराम..
बोल कड़ाकड़ सीताराम..जय-जय सियाराम..

रामगढ़ (सीतापुर) : परिक्रमार्थी पहले पड़ाव कोरौना से मंगलवार तड़के ही अगले पड़ाव हरैया के लिए निकल पड़े थे। बोल कड़ाकड़ सीताराम, जय सियाराम, जय-जय सियाराम की धुन पर नाचते-गाते पहले पड़ाव से श्री कैलाश आश्रम पहुंचे थे। कोरौना से करीब 10 किमी दूर इस आश्रम परिसर के तीर्थ में सुबह छह बजे से ही परिक्रमार्थी स्नान करने लगे थे।

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उधर, आश्रम तीर्थ पर भीड़ देख कई हजार परिक्रमार्थी आश्रम से दो किमी दूर गोमती नदी के ककरघटा घाट पर स्नान करने पहुंचे। फिर ककरघटा घाट से करीब एक किमी दूर हरैया पड़ाव पर पहुंच गए हैं। इस तरह परिक्रमार्थियों ने परिक्रमा के दूसरे दिन कोरौना से 12 किमी दूरी तय कर हरदोई जिले में दाखिल होकर दूसरे पड़ाव स्थल हरैया पहुंच गए हैं। इस यात्रा में कोई श्रद्धालु पैदल तो कोई नंगे पैर तो कोई साइकिल पर परिक्रमा कर रहा था। इसमें पुरुषों के साथ महिलाओं की अस्था भी कल्पना से परे प्रतीत हो रही थी। भक्ति में अगाध आस्था रखे बच्चों से लेकर बुजुर्ग और दिव्यांग भी पीछे नहीं रहे। श्रद्धालुओं में दिखा अनुशासन

पहले पड़ाव कोरौना पर रविवार शाम हजारों परिक्रमार्थियों का जत्था पहुंच गया था। जिसने जिस स्थल पर उचित समझा, पड़ाव डाल लिया और पूरी रात भक्ति, पूजा-पाठ में लीन रहे। इसके बाद दूसरे पड़ाव की ओर निकले। इस बीच परिक्रमार्थियों में अनुशासन देखते ही बन रहा था। पड़ाव स्थल व परिक्रमा मार्ग पर बिना किसी सुविधा की उम्मीद के ये श्रद्धालु अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे थे। अव्यवस्था को लेकर कहीं किसी ने कोई शिकवा तक नहीं कर रहा था।

परिक्रमा का मनोहारी ²श्य

मंगलवार भोर सूर्यदेव की ललिमा के बीच श्रद्धालुओं का रैला दूसरे पड़ाव की ओर बढ़ रहा था। रामगढ़ से हरैया मार्ग पर जिधर देखो उधर परिक्रमार्थियों की ही भीड़ थी। विभिन्न परिधानों में कोई श्रद्धालु साइकिल पर गृहस्थी लादे आ रहा था, तो कोई ट्रैक्टर-ट्रॉली, बैलगाड़ी पर जरूरी सामान लेकर परिक्रमा में आगे बढ़ रहा था। वहीं, कुछ महिलाओं ने सिर पर लकड़ियों का बोझ लेकर परिक्रमा में चल रही थीं और राम-राम जप रही थीं। इन गांवों से गुजरी परिक्रमा

दूसरे पड़ाव के रास्ते में रामगढ़, कोदिकापुर, मोहकमगंज, रानीखेर, सरवरनगर, बचखेरवा, उरदहा, ककरघटा, भेरिया और फिर हरैया गांव से होकर परिक्रमार्थी गुजरकर हरैया पहुंचे।


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