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परिक्रमाíथयों के लिए मड़रूवा में बड़ी कठिन है डगर

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By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 11:20 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:12 AM (IST)
परिक्रमाíथयों के लिए मड़रूवा में बड़ी कठिन है डगर
परिक्रमाíथयों के लिए मड़रूवा में बड़ी कठिन है डगर

दीपक त्रिपाठी, संदना (सीतापुर) :

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देवगवां पड़ाव से चलकर वर्मी-मछरेहटा मार्ग पर चंद्रावल गांव से परिक्रमा शुरू होकर सातवें पड़ाव मड़रूवा के लिए रवाना होती है। परिक्रमार्थी मड़रूवा गांव के आसपास मार्ग किनारे आम की बाग में पड़ाव डालते हैं। कुछ परिक्रमार्थी ढेड़ुवा गांव के आसपास पड़ाव डालते हैं। यहीं पर, छेदादास बाबा आश्रम है। आश्रम परिसर में सीता-राम मंदिर व रामताल है। परिक्रमार्थी रामताल तीर्थ के जल में आचमन करते हैं पर, वर्तमान में इस तालाब में कुंभी है। इन परिक्रमार्थी के लिए ढेड़ुवा गांव से करीब आधा किमी दूर माड़र गांव के बाहर बने दो मंजिला रैन बसेरा बना है।

जर्जर रैन बसेरा में बिजली न ही पानी

पिछले साल बना दो मंजिला रैन बसेरा का प्लास्टर टूट रहा है। खिड़कियों के शीशे टूटे हैं। पानी की टोटियां गायब हैं। छत चिटक रही है। शौचालय के टैंक खुले हैं। वॉयरिग उखड़ गई है। परिसर में दो खंभे हैं और बाहर मार्ग पर पोल हैं। किसी भी खंभे में लाइटें नहीं लगी हैं। बाउंड्रीवॉल के पड़ोस लगे पोल के पास जमीन धंस गई है। परिसर के बाहर लगा एक पोल दूसरे पोल से बांधकर रोका गया है। रैन बसेरा से करीब 500 मीटर दूर मड़रूवा गांव से लेकर ढेड़वा गांव तक करीब डेढ़ किमी की रेंज तक परिक्रमार्थी ठहरते हैं। यहां के किसी भी बिजली खंभे में लाइटें नहीं लगी हैं। रैन बसेरा की छत पर प्लास्टिक की तीन पानी टंकी रखी हैं। प्लास्टिक की एक टंकी रैन बसेरा परिसर में भूतल पर रखी है। इसकी टोटियां टूट गई हैं। टंकी की सफाई न होने से अंदर काई जम गई है।

पड़ाव स्थल के खंभों में लाइटें नहीं

मड़रूवा पड़ाव स्थल पर लगे बिजली खंभों में से किसी में भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। लक्कड़ बाबा आश्रम परिसर में तीन साल पहले सोलर लाइट लगाई गई थी, करीब एक साल बैटरी खराब होने से ये लाइट भी नहीं जलती है। छेदा दास बाबा आश्रम में लाइट के कोई इंतजाम नहीं है। इस आश्रम सामने राम तालाब है, इसमें कुंभी है। इस तालाब के जल से परिक्रमार्थी स्नान व आचमन करते हैं। आश्रम में 65 बीघे जमीन है जिस पर रामादल डेरा डालता है।

- वेददास, महंत-छेदादास बाबा आश्रम राम-जानकी मंदिर पड़ाव स्थल से करीब पांच सौ मीटर दूरी पर है। मंदिर परिसर में दो पोल हैं पर, इसमें किसी में लाइट नहीं लगी है। शाम होते ही मंदिर और परिसर में अंधेरा हो जाता है। मंदिर परिसर में एक अदद हैंडपंप तक नहीं है।

- कृष्ण चंद्र दास, पुजारी- ठाकुर रामजानकी मंदिर बैठक के बाद सुधरेंगी व्यवस्थाएं..

परिक्रमा पड़ाव स्थलों पर व्यवस्थाओं के संबंध में अगले सप्ताह में संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक डीएम की अध्यक्षता में करा रहे हैं। इसके बाद पड़ावों का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएंगी।

- राजीव पांडेय, एसडीएम-मिश्रिख


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