गोमती में स्नान कर हरैया कूच
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रामगढ़ (सीतापुर) : कारौना पड़ाव पर डेरा डाले साधु संतों ने शुक्रवार की भोर होते ही शंख, घंटे, घड़ियाल बजाने शुरू कर दिए। आरती वंदना की ध्वनी गूंजते ही रामादल के श्रद्धालुओं की नींद टूट गई। श्रद्धालुओं ने द्वारिकाधीश तीर्थ में डुबकी लगाई। द्वारिकाधीश मंदिर में पूजा अर्चना की। जिसके बाद परिक्रमा के दूसरे पड़ाव हरैया जिले के लिए कूच कर चले।
श्रद्धालुओं ने रास्ते में कैलाश आश्रम के दर्शन किए और पूजन वंदन किया। जिले की हरदोई सीमा पर पड़ने वाले गोमती पुल पर पहुंचते ही श्रद्धालुओं ने आदि गंगा गोमती को प्रणाम किया। पुल पार कर एक बार फिर से गोमती नदी में स्नान किया। इस दौरान प्रभु श्रीराम के जो जयघोष हुए, उससे पूरा का पूरा क्षेत्र गूंज उठा। जिले की सीमा पर आस्था इस कदर उमड़ रही थी, पूरा गोमती तट भक्तिमय हो गया। पुल के इस पार सीतापुर जिले का पुलिस बल था, तो उस पार हरदोई जिले का पुलिस बल सुरक्षा में तैनात था। परिक्रमार्थी बस रामधुन में आगे बढ़े जा रहे थे। इस दौरान हाथी व घोड़े पर सवार साधु संतों की छठा देखते ही बन पड़ रही थी। अलग अलग वेशभूषा में सजे साधु परिक्रमा को और भी दिव्य बना रहे थे। दोपहर तक परिक्रमार्थी हरैया पड़ाव पर पहुंचने लगे थे। श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में है। यही वजह रही कि शुक्रवार की भोर से हरदोई जिले की सीमा पर श्रद्धालुओं का जो रेला चला, वह क्रम देर शाम तक जारी रहा। श्रद्धालुओं ने हरैया पड़ाव पर करीब पांच किलोमीटर के दायरे में डेरा डाला है। शुक्रवार को विश्राम करने के बाद शनिवार की भोर रामादल तीसरे पड़ाव कोथावां के लिए कूच करेगा।
भंडारों से स्वागत
क्षेत्र के बाशिदे रामादल के गुजरने का बेशब्री से इंतजार कर रहे थे। यही वजह थी परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह लोगों ने श्रद्धालुओं के लिए स्टाल लगा रखे थे। स्टॉलों पर चाय से लेकर पूड़ी सब्जी तक का प्रबंध था। मध्य प्रदेश के भिड निवासी प्रेमचंद अग्रवाल, बाराबंकी के जय नारायण अवस्थी ने बताया कि परिक्रमा दिव्य व भव्य है। वे इस पथ पर चलकर खुद को धन्य मान रहे हैं। हालांकि श्रद्धालुओं ने साफ सफाई को लेकर प्रशासन के प्रबंध को नाकाफी बताया।