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20 दिन में नहीं आए 20 किसान, हैरत में अपर निदेशक

अपर निदेशक ने नवीन गल्ला मंडी पीसीएफ व मंडी समिति के का निरीक्षण कर गैरहाजिर मार्केटिंग इंस्पेक्टर से जवाब-तलब किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 11:24 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 11:24 PM (IST)
20 दिन में नहीं आए 20 किसान, हैरत में अपर निदेशक
20 दिन में नहीं आए 20 किसान, हैरत में अपर निदेशक

सीतापुर : अपर निदेशक मंडी परिषद निधि श्रीवास्तव ने शनिवार को गल्ला मंडी में निरीक्षण किया। गैरहाजिर मिले मार्केटिंग इंस्पेक्टर योगानंद से जवाब-तलब किया है। उन्हें पीसीएफ व मंडी समिति के धान क्रय केंद्र पर किसानों का अभाव मिला तो हाट शाखा व पीसीयू क्रय केंद्रों पर लंबी कतार।

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पीसीएफ केंद्र प्रभारी मोनू राठौर ने अपर निदेशक को बताया कि उनके यहां दो किसान इंतजार में हैं। अपर निदेशक ने संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है अन्य केंद्रों पर लंबी वेटिग है और आपके यहां सिर्फ दो किसान तौल के इंतजार में हैं। बात समझ से परे है।

पीसीएफ सेंटर पर ही खड़े जसविदर सिंह ने पूछने पर अपर निदेशक को बताया कि सुबह चार बजे धान लाए थे। धर्मकांटा पर कोई नहीं था। वेटिग लिस्ट में भी प्रभारी ने इनकी इंट्री नहीं कर रखी थी। हाट शाखा केंद्र पर 96, पीसीयू 189 किसानों की वेटिग मिली, जबकि मंडी समिति केंद्र पर अपर निदेशक ने वेटिग लिस्ट देखी तो पता चला कि वेटिग में अंकित किसानों में 20 दिन के अंतराल में 20 किसान भी धान लेकर नहीं आए।

धर्मकांटा है, इस पर भी मनमर्जी

मंडी समिति क्रय केंद्र पर अपर निदेशक को परसेडी के उलजापुर से आए शंकरसन दास मिले। बताया, रात में कई केंद्रों पर भटके फिर इस केंद्र पर धान लाए हैं। धर्मकांटा पर कोई था नहीं, इसलिए वह वजन नहीं करा पाए। भाड़े के ट्रैक्टर-ट्राली से करीब 38 क्विटल धान बेचने लाए हैं। निरीक्षण के वक्त केंद्र पर जवाहरपुर रामकोट के सत्य प्रकाश का धान तौला जा रहा था। अपर निदेशक ने केंद्र प्रभारी से पूछा, सत्य प्रकाश से पहले रात में शंकरसन दास धान लाए थे तो पहले इनके धान की तौल क्यों नहीं की। प्रभारी ने जवाब नहीं दिया।

नीलामी हो, किसान को उचित दाम मिले :

मंडी समिति केंद्र पर अपर निदेशक ने सचिव से पूछा यहां नीलामी नहीं कराते हैं। सचिव ने बताया, नीलामी कराते हैं तो अपर निदेशक बोलीं, वाट्सएप ग्रुप पर कभी फोटो नहीं डाली। कहा कि नीलामी अपनी मौजूदगी में कराओ ताकि किसानों को उपज का उचित दाम मिले।

नहीं मिली चाबी, विश्राम गृह से लौटीं :

विश्राम गृह पहुंची अपर निदेशक ताला बंद होने से निरीक्षण नहीं कर पाईं। करीब पांच मिनट इंतजार किया। फिर लौट गईं।


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