फाइलों में 'कैद' 1600 विवेचनाएं
सीतापुर: मिश्रिख कोतवाली इलाके से जुड़े 21 साल पुराने डकैती के मामले में पुलिस की लापरवाही
सीतापुर: मिश्रिख कोतवाली इलाके से जुड़े 21 साल पुराने डकैती के मामले में पुलिस की लापरवाही यूं ही कोर्ट के संज्ञान में नहीं आई। यहां तो पुलिसिया लापरवाही से जुड़े मामलों के अंबार लगे हैं। यदि विवेचनाओं के मामलों को ही ले लिया जाए तो सीतापुर जिले में लंबित विवेचनाओं की फेहरिस्त लंबी है। सूत्रों का दावा है कि जिले में दर्जनों ऐसे मामले हैं, जो सालों से विवेचकों के बस्ते में धूल खा रहे हैं। एएसपी दक्षिणी खुद बताते हैं कि जिले में तकरीबन 16 सौ मामले मौजूद वक्त में लंबित पड़े हैं। जिनकी विवेचना होनी है। उनके जरिए ज्यादा पुराने मामलों के बारे में तो पता नहीं चला, लेकिन तीन मामले बताए गए तो करीब तीन साल से लंबित हैं। उनकी विवेचना क्यों नहीं हो पा रही, इसका जवाब पुलिस के पास नहीं है। शहर कोतवाली का ही मुकदमा अपराध संख्या 250 वर्ष 2015 में धोखाधड़ी आदि धाराओं में दर्ज किया गया था, लेकिन अब तक उसकी विवेचना लंबित है। ऐसा ही एक मामला तंबौर थाने का है। तंबौर में भी धोखाधड़ी आदि धाराओं में एक मुकदमा अपराध संख्या 166 भी वर्ष 15 में दर्ज हुआ था। लहरपुर में अपराध संख्या 320 भी वर्ष 15 में दहेज एक्ट आदि की धाराओं में दर्ज हुआ था। इन मामलों की भी विवेचना पूरी नहीं हो पाई। यदि इन तीन मामलों को ही ले लिया जाए तो पुलिस की लापरवाह कार्यशैली बयां करने को काफी है। मौजूदा वक्त में जिले में तकरीबन 1600 मुकदमें विवेचना के इंतजार में लंबित चल रहे हैं। इनसेट
बिसवां कस्बा इंचार्ज के पास लंबित 30 विवेचनाएं
जिले में सैकड़ों की तादात में मामले लंबित हैं। मामला इस कदर पेचीदा है कि बिसवां के कस्बा इंचार्ज के पास सबसे अधिक मामले लंबित हैं। विभागीय सूत्र बताते हैं कि बिसवां कस्बा इंचार्ज पर मौजूदा वक्त में तकरीबन 30 मामले लंबित हैं। जिनकी वह विवेचना नहीं कर पा रहे हैं।