मानदेय कटौती को लेकर एंबुलेंस कर्मियों भूख हड़ताल पर
सेवा प्रदाता कंपनी अधिकारियों की मनमर्जी से एंबुलेंस कर्मी परेशान हो रहे हैं। वहीं श्रम विभाग के जरिए भी राहत नहीं मिल रही है।
सीतापुर : 108 और 102 एंबुलेंस कर्मी लंबित मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं। हालांकि कोरोना काल को देखते हुए इन कर्मियों ने आवश्यक व इमरजेंसी सेवाएं बहाल कर रखी है। मांगों के पूरा न होने से परेशान कर्मचारी जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108 व 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदर्शन करने को विवश हैं। जिला अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे संगठन के जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह और महामंत्री मो. आलम ने बताया कि, 23 सितंबर 2019 को श्रम विभाग की मध्यस्थता में सेवा प्रदाता कंपनी और कर्मचारी संगठन नेताओं के बीच समझौता हुआ था। जिसे अब कंपनी के अधिकारी मान नहीं रहे हैं। उन्होंने बताया कि, चालक की सैलरी वर्तमान में लगभग 11 हजार रुपये है। समझौता में तय हुआ था कि चालक को 17,500 मानदेय के तौर पर दिए जाएंगे। इसके बाद भी समझौता में बढ़ाई गई पगार नहीं दी जा रही है। यही नहीं, मानदेय भुगतान का समय निर्धारित नहीं है। वैसे तो प्रत्येक महीने की 7 से 10 तारीख के बीच मानदेय मिलना चाहिए, पर कभी महीने की आखिरी तारीख में तो कभी दूसरे महीने में पगार मिलती है। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी नेताओं ने बताया, एंबुलेंस में कार्य करने वाले कर्मियों की नौ घंटे की ड्यूटी निर्धारित है। लेकिन उन्हें तीन घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ता है। इस अतिरिक्त कार्य का कोई भी मेहनताना उन्हें नहीं मिलता है। इस मौके पर एंबुलेंस कर्मी मो. सलमान, खुशबू चंद्रा, अनूप शुक्ल, सचिन वर्मा, आयुष शुक्ल, प्रमोद यादव, अर्जुन मिश्र, वीरेंद्र शर्मा, शिवम श्रीवास्तव, रामलोटन, सुमन, चंद्रा, सोनी पाल, अंजू, रूपेशलता आदि मौजूद रहे।