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गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत

सिद्धार्थनगर : शुक्रवार को ब्लॉक सभागार में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ शैलेंद्र मणि ओझा की अध्यक्षता में सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया। साथ ही मिशन परिवार विकास के तहत अंतरा दिवस भी मनाया गया

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 10:54 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 10:54 PM (IST)
गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत
गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत

सिद्धार्थनगर :

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शुक्रवार को ब्लॉक सभागार में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ शैलेंद्र मणि ओझा की अध्यक्षता में सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया। साथ ही मिशन परिवार विकास के तहत अंतरा दिवस भी मनाया गया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए डा. ओझा ने कहा कि गर्भवती व धात्री महिलाओं को अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए उन्हें खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। नवजात शिशु को 2 वर्ष के भीतर सारे 12 टीके लगवा देना चाहिए, ताकि उन्हें कई बीमारियों से बचाया जा सके। प्रसव केंद्र पर ही प्रसव कराएं क्योंकि इससे जच्चा-बच्चा दोनों की सुरक्षा रहेंगे। अंतरा दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, कि यह परिवार नियोजन की अस्थाई विधि है। जिससे तीन माह तक गर्भधारण को रोका जा सकता है। साथ ही लाभार्थी को 100 रुपये पुरस्कार के रूप में भी मिलेंगे। परिवार नियोजन से कुपोषण पर भी काबू पाया जा सकता है। परिवार नियोजन के ¨बदु महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, कॉपर-टी, माला एॅन, कंडोम व अंतरा ए जैसी विधियों के बारे में जानकारी दी गई। एके दुबे, मलिक जमीरूल्लाह, विनय भारती सोनी, कुसुम, कलावती, रागिनी पांडेय, लक्ष्मी, रानी, कुसुम आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम दौरान करीब 40 महिलाओं को अंतरा का इंजेक्शन लगाया गया।


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