कर्मियों को मिला मानदेय, लापरवाही की जांच शुरू
जनपद में विभिन्न राजकीय होम्योपैथिक अस्पतालों में वार्ड ब्वाय व स्वीपर/चौकीदार पद पर कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों की स्थिति दस माह से मानदेय न मिलने से दयनीय थी। खबर प्रकाशन के बाद कर्मियों को दो माह का बकाया देते हुए लापरवाही बरतने वाली कंपनी के विरूद्ध जांच के आदेश शासन स्तर से दिए गए हैं।
सिद्धार्थनगर : जनपद में विभिन्न राजकीय होम्योपैथिक अस्पतालों में वार्ड ब्वाय व स्वीपर/चौकीदार पद पर कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों की स्थिति दस माह से मानदेय न मिलने से दयनीय थी। खबर प्रकाशन के बाद कर्मियों को दो माह का बकाया देते हुए लापरवाही बरतने वाली कंपनी के विरूद्ध जांच के आदेश शासन स्तर से दिए गए हैं।
राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों में वार्ड ब्वाय व स्वीपर/चौकीदार पद डिग्निस आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा जनवरी 2018 में इन्हें तैनात किया गया था। 10 युवाओं की भर्ती 7000 हजार रुपये अल्प मानदेय पर हुई थी। कुछ महीने तो मानदेय तो मिला, परंतु सितंबर व अक्टूबर 2019 में एक माह ग्यारह दिन व फरवरी 2020 से अब तक का मानदेय नहीं मिल सका है। जबकि सेवा प्रदाता कंपनी भी बदल गई। इसी बीच तीन कर्मी और तैनात हुए जिनका मानदेय भी नई सेवा प्रदाता कंपनी अपट्रान ने अब तक नहीं दिया। जिसे 14 अक्टूबर के अंक में जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसके बाद आउटसोर्सिग कंपनी ने फरवरी व मार्च 2020 का बकाया दे दिया। साथ ही शासन ने उक्त कंपनी की लापरवाही की जांच के आदेश दिए हैं। डीएचओ डा. सूर्य प्रकाश मणि त्रिपाठी ने बताया विभाग ने कंपनी को पूरे मानदेय की धनराशि भुगतान कर दिया है। कंपनी के इस लापरवाही के विरुद्ध जांच शुरू हो गई।