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महिला स्कूटी चालकों ने दी यातायात नियमों की जानकारी

विधायक ने कहा कि अभियान में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इन्हें यातायात नियमों की जानकारी दी जा रही है। हेलमेट व सीट बेल्ट की उपयोगिता की जानकारी दी जा रही है। इन्हें बताया जा रहा है कि यह जीवन रक्षक उपकरण है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 10:57 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 10:57 PM (IST)
महिला स्कूटी चालकों ने दी यातायात नियमों की जानकारी
महिला स्कूटी चालकों ने दी यातायात नियमों की जानकारी

सिद्धार्थनगर : विधायक कपिलवस्तु श्यामधनी राही ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के चौथे दिन रविवार को महिला स्कूटी चालकों की रैली को रवाना किया। लोगों को यातायात नियमों की जानकारी दी। हाइडिल तिराहा से रैली निकल कर आरटीओ कार्यालय पहुंची।

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विधायक ने कहा कि अभियान में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इन्हें यातायात नियमों की जानकारी दी जा रही है। हेलमेट व सीट बेल्ट की उपयोगिता की जानकारी दी जा रही है। इन्हें बताया जा रहा है कि यह जीवन रक्षक उपकरण है। रैली में स्कूटी चालक नीलम चतुर्वेदी, शशिकला सिंह, शाईस्ता नसीम, वंदना, अनुपमा ओझा, उमा, गार्गी, जागृति यादव, सुनीता सिंह, यामा द्विवेदी, अनुपम सिंह, अंजलि गुप्ता, कीर्ति श्रीवास्तव, निर्मला चतुर्वेदी आदि शामिल रहे। एआरटीओ प्रशासन आशुतोष कुमार शुक्ला, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, प्रवेश कुमार सरोज, सुशील कुमार, राजेंद्र प्रसाद, सुरेश चंद्र श्रीवास्तव, हेमंत कुमार, अरविद कुमार वर्मा, मिन्हाजुल होदा, अजय सिंह, रघुवर यादव, विनोद कुमार मिश्रा आदि मौजूद रहे।

विद्यालय का समय परिविर्तत करने की मांग

शिक्षक नेता अनिल त्रिपाठी ने जिलाधिकारी व जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को प्रार्थना पत्र देते हुए विद्यालय के समय में परिर्वतन करने की मांग की है।

कहा है कि नेपाल का सीमावर्ती जिला होने के कारण पहाड़ पर हो रही बर्फबारी की वजह से यह इलाका ठंड की चपेट में सर्वाधिक रहता है और सर्द हवाओं के प्रकोप को झेलता है। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों का समय प्रात: नौ बजे से सायं तीन बजे तक है, जो आज कल बहुत कष्टदायी है। कई महिला शिक्षकों ने बताया कि उनके गोद में बच्चा रहता है और कड़ाके की ठंड के चलते स्कूल आने-जाने में परेशानियां उठानी पड़ती हैं। अति गंभीर बीमारियों से पीड़ित उम्रदराज शिक्षकों को भी दिक्कतें उठानी पड़ती है। कभी भी वे लोग हादसे का शिकार हो सकते हैं। विद्यालयों का समय परिवर्तित करते हुए इसे सुबह 11 से दोपहर दो बजे तक किया जाए।


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