कोहरे ने रोकी वाहनों की रफ्तार
ठंड कम नहीं हो रही है। लोगों की नींद सुबह कोहरे की घनी चादर के बीच खुल रही है। बुधवार को भी मौसम ने कोई नरमी नहीं दिखाई। मकर संक्रांति के पर्व में श्रद्धालु घने कोहरे के बीच नदियों में डुबकी लगाने के लिए पहुंचे। दोपहर के बाद सूर्य कोहरे की चादरों को चीर कर बाहर निकले। लेकिन उनके में पहले की तरह प्रताप नहीं दिखा।
सिद्धार्थनगर : ठंड कम नहीं हो रही है। लोगों की नींद सुबह कोहरे की घनी चादर के बीच खुल रही है। बुधवार को भी मौसम ने कोई नरमी नहीं दिखाई। मकर संक्रांति के पर्व में श्रद्धालु घने कोहरे के बीच नदियों में डुबकी लगाने के लिए पहुंचे। दोपहर के बाद सूर्य कोहरे की चादरों को चीर कर बाहर निकले। लेकिन उनके में पहले की तरह प्रताप नहीं दिखा। ठंडक के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
माघ मास के प्रथम चरण में ठंड जाने का नाम नहीं ले रही है। दोपहर तक वाहन रोड पर लाइट जलाकर चलती रही। ठंड व घने कोहरे ने आम जिदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगाया। इसका सबसे अधिक प्रभाव दैनिक मजदूरों पर पड़ा। दो दिनों से सूर्य निकल तो रहे हैं, लेकिन दोपहर के बाद। थोड़ी देर धूप निकलती देख, लोग बाहर आए। कुछ राहत महसूस की। लेकिन शाम होने के साथ ही गलन और कोहरा के कारण जल्दी घरों में चले गए। ठंड से छोटे बच्चों के सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। सांस के रोगियों की भी परेशानियां बढ़ गई हैं। अस्पतालों में मरीजों की तादाद भी बढ़ी है।