पानी के लिए इस बार भी तरसेंगे खेत
सिद्धार्थनगर : नलकूपों के मामले में सबसे संपन्न स्थानीय तहसील क्षेत्र इस समय इनकी खराबी का दंश झे
सिद्धार्थनगर : नलकूपों के मामले में सबसे संपन्न स्थानीय तहसील क्षेत्र इस समय इनकी खराबी का दंश झेल रहा है। क्षेत्र में लगे तीन दर्जन नलकूपों में से वर्तमान समय में एक तिहाई से अधिक खराब हैं। नलकूपों की खराबी के कारण नहरों की तरफ रुख करने वाले किसानों को यहां भी निराशा हाथ लगेगी। क्षेत्र में फैले सरयू नहर की आधा दर्जन माइनरें आज तक बेपानी है। गर्मी की तपिश के साथ आगे की फसल के लिए खेत कहीं प्यासे न रह जाएं यह सोच किसान परेशान है।
तहसील के पूर्वी हिस्से में 25 व पश्चिमी हिस्से में कुल 11 नलकूप वर्तमान समय में हैं। इन नलकूपों में से पूर्वाचल के 20 और पश्चिमांचल के नौ नलकूप विगत दो वर्षो से बंद पड़े हैं। नलकूप विभाग बंद नलकूपों के लिए बिजली विभाग को दोषी ठहरा रहा है, जबकि क्षेत्र के किसान इनके बंद होने के पीछे विद्युत दोष के साथ यांत्रिक खराबी भी प्रमुख कारण मान रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो नलकूप संख्या 38 पटखौली, 92 गोनहाताल, 98 कुशलपुर, 99 गोनहाडीह, 100 मटियरिया, 102 व 103 सिसहनिया, 104 सेमरा मुस्तहकम, 105 बजंरहा, 106 डढि़या ताल, 107 व 108 कुड़जा में लगे नलकूप वर्तमान में खराब हैं। इसी प्रकार बांसी-इटवा मार्ग स्थित जाल्हेखोर, भैंसठ, ¨सहिया, मेचुका, तेलौरी व बेमौवा गांव में लगे नलकूप भी अक्सर बंद रहते हैं। इनके न चलने से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए बनी नालियां भी ध्वस्त हैं। अधिकांश नलकूपों में लगे उपकरण भी चोरों के हवाले हैं। खेतों को पानी की आवश्यकता पर किसान जब नहरों की ओर रुख करता है तो वहां भी इसके हाथ निराशा ही लगती है। क्षेत्र से निकली सरयू नहर की शाखा बभनपुरवा, तिगोड़वा व कुड़ी रजवाहा, सिकटा आदि आधा दर्जन माइनरें बेपानी हो सिल्ट से पट चुकी हैं।तपिश बढ़ने पर किसानों सहित पशुपंछी भी पानी से बेहाल होंगे।
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गर्मी को देखते हुए सभी नलकूपों को ठीक कराने के लिए नलकूप विभाग को पत्र प्रेषित किया जाएगा। क्षेत्र में कितने नलकूप चल रहे व कितने खराब हैं इसका ब्योरा तैयार करवाने के उपरांत विभाग से इसे ठीक कराने को कहा जायेगा।
प्रबुद्ध ¨सह
एसडीएम, बांसी