भूगर्भ जल का तल खिसकने का बढ़ा खतरा
सिद्धार्थनगर : गर्मी ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। तहसील क्षेत्र के अधिकतर ताल तलैया सूख चुके
सिद्धार्थनगर : गर्मी ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। तहसील क्षेत्र के अधिकतर ताल तलैया सूख चुके है । तालाबों के सूखने के कारण पशु पक्षियों के समक्ष जहां पेय जल संकट पैदा हो गया है वहीं लोगो को जल स्तर नीचे खिसकने का डर सताने लगा है । खेसरहा ब्लाक क्षेत्र के गांवों में जल संरक्षित रखने के लिए बने ताल पोखरे अप्रैल महीने मे ही सूख चुके है । पोखरे मे पानी की जगह धूल उड़ती दिख रही है । ताल पोखरे बच्चों के खेल का मैदान बन चुके हैं। किसी ने कल्पना तक नही किया होगा कि सरकार का लाखों खर्च कर जिन ताल पोखरों का निर्माण जल को संचित रखने के लिए हुआ था वह आज गर्मी के पहले खेल के मैदान मे तब्दील हो गया है । ग्राम पंचायत छितही स्थित पोखरे व ताल का हाल तो काफी खराब है। झाड़ झंखाड़ से घिरा तालाब अपने अस्तित्व को तरस रहा है। डिड़ई, घोसियार, क्षेत्र के भूपतजोत, पाला , जामडीह , बसखोरिया , मसैची , कुर्थिया , घोसियारी , रिउना , बदुरगहना , निखोरिया जैसे दर्जनों गांव मे कुछ तालाब तो सूख चुके है और कुछ सूखने के कगार पर है । ताल पोखरे के सूख जाने से बेजुबान जानवरों के पेय जल की समस्या पैदा हो गयी है । पशुपालक इस विकट समस्या को लेकर सकते मे है । गांव मे बने पोखरे भूगर्भ जल के तल को बनाये रखने में महती भूमिका निभाते है। इसके सूख जाने से लोगो को यह डर सताने लगा है कि पानी का तल नीचे खिसक गया तो उन्हे पेय जल की समस्या से भी जूझना पडेगा ।
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सूखे तालाबों मे पानी भरवाने के लिए सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश दिये जायेगे। जहां पानी न भरवाने की शिकायत मिलेगी उसके खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी । सुशील कुमार पांडेय
खंड विकास अधिकारी
खेसरहा