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गड्ढे में फंसा ट्रक, आवागमन बंद

डुमरियागंज चंद्रदीप घाट मार्ग अति जर्जर होने के चलते हमेशा सुर्खियों में रहता है। यह सड़क पांच माह पहले 41 करोड़ रुपये की लागत से बननी थी लेकिन ठीकेदार की मनमानी से सड़क का निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ। सड़क की स्थिति बरसात में बहुत ही खराब हो गई है। सड़क पर बने गड्ढों में पानी भरे रहने से गहराई का अंदाजा वाहन चालक नहीं लगा पाते।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 11:29 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 11:29 PM (IST)
गड्ढे में फंसा ट्रक, आवागमन बंद
गड्ढे में फंसा ट्रक, आवागमन बंद

सिद्धार्थनगर : डुमरियागंज चंद्रदीप घाट मार्ग अति जर्जर होने के चलते हमेशा सुर्खियों में रहता है। यह सड़क पांच माह पहले 41 करोड़ रुपये की लागत से बननी थी, लेकिन ठीकेदार की मनमानी से सड़क का निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ। सड़क की स्थिति बरसात में बहुत ही खराब हो गई है। सड़क पर बने गड्ढों में पानी भरे रहने से गहराई का अंदाजा वाहन चालक नहीं लगा पाते। जिसकी वजह से आए दिन लोडेड गाड़ियां फंस रही हैं।

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थाना क्षेत्र के श्यामपुर गांव के पास गुरुवार की रात नौ बजे मोरंग लदा ट्रक सड़क पर बने गढ्ढे में फंस गया। जिसके चलते शुक्रवार देर शाम तक भारी गाड़ियों की लाइन लग गई है। केवल मोटरसाइकिल सवार ही किसी तरह निकल पा रहे हैं। मौके पर कोई जिम्मेदार नहीं पहुंचा जिससे आने-जाने वाले राहगीरों को परेशानी उठानी पड़ रही है। थानाध्यक्ष अंजनी कुमार ने कहा कि आवागमन बहाल के प्रयास किए जा रहे हैं। चौराहों पर पथ प्रकाश व्यवस्था ध्वस्त सिद्धार्थनगर : विकास खंड के पेंडारी , बिशुनपुर, मरवटिया, सकारपार चौराहों पर लगे पथ प्रकाश भी वर्षों से खराब हैं। लेकिन जिम्मेदार अनजान बने हुए हैं। मरटिया बाजार में सांसद निधि से लगे दो पथ प्रकाश तो लगने के कुछ दिन बाद ही खराब हो गए, जिससे शाम होते ही पूरा चौराहा अंधेरे में डूब जाता है। क्षेत्र के डिम्पल सिंह, रमेश मिश्रा, गौतम पाण्डेय, रमेश चौबे, दीनबंधु मौर्या, रमजान अली अंसारी, नित्यानंद उपाध्याय, राकेश राय, नंदलाल चौबे, उपेंद्र नाथ पांडे, गिरिश पांडेय आदि ने पथ प्रकाश व्यवस्था अविलंब ठीक कराने की मांग की है। 13 बंदी 60 दिन के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा सिद्धार्थनगर: जनपद न्यायाधीश की ओर से गठित कमेटी ने शुक्रवार को 21 विचाराधीन बंदियों के प्रार्थना पत्र पर विचार किया। 13 मामलों में बंदियों को अंतरिम जमानत प्रदान किया। वह 60 दिन तक पैरोल पर रहेंगे। इसके पश्चात उन्हें जेल में खुद हाजिर होना होगा। कोविड 19 के कारण अब तक 59 प्रार्थना पत्र विचारार्थ प्रस्तुत हुई। 48 बंदियों को कमेटी ने रिहा करने का आदेश पारित किया। यह जानकारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंद्रमणि ने दी।


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