संकट से बचने के लिए जल संरक्षण पर सभी दें ध्यान
सिद्धार्थनगर : गुरुवार को कृषि विज्ञान केंद्र सोहना पर एक दिवसीय गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें किसानों एवं क्षेत्रीय नागरिकों को जल संरक्षण की दिशा में जागरूक किया गया। सभी से आह्वान किया गया कि संकट से बचने के लिए सभी लोग जल के संरक्षण पर ध्यान दें।
केंद्र अध्यक्ष व वरिष्ठ विशेषज्ञ डा. ओम प्रकाश वर्मा ने बताया कि समय रहते जल संरक्षण नहीं किया तो यहां भी जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि जनपद सिद्धार्थनगर के सभी ब्लाकों में लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं को नहलाने, पानी को बर्बाद करने, बरसात के पानी को इकट्ठा न करने से पानी की लगातार कमी हो रही है। जबकि पानी की एक-एक बूंद को बचाने की आवश्यकता है। वरिष्ठ विशेषज्ञ डा. प्रदीप कुमार ने कहा कि देश में सिर्फ आठ प्रतिशत ही वर्षा जल को एकत्रित किया जा रहा है, जिसको बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना होगा, तभी पानी का संकट खत्म हो सकता है। डा. शेष नारायण सिंह ने कहा कि प्रतिदिन बढ़ रहे जल संकट से निजात पाने के लिए जल संरक्षण के बारे में गांव के अंतिम छोर तक जागरूकता लानी होगी। डा. सर्वजीत बताया कि अगस्त माह में जल संचय-संरक्षण एवं संवर्द्धन तथा स्वच्छता संबंधी सामूहिक श्रमदान करना जरूरी है। प्रवेश कुमार ने स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली से सिंचाई करने पर जोर दिया। कहा कि इससे पानी पौधों पर वर्षा के बूंद की तरह पड़ता है।
डा. एस के मिश्रा, डा. मार्कंडेय सिंह, नीलम सिंह, दीप नारायण सिंह, जयप्रकाश द्विवेदी ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किए। राम उजागर चौधरी, राजकुमार मिश्रा, गांधी मौर्या, रामदास, जटाशंकर, किशन लाल आदि उपस्थित रहीं।