बचकर चलें, जान ले लेंगी यह सड़कें- सिद्धार्थनगर में एक दो नहीं 28 स्थानों पर हैं ब्लाक स्पॉट
सिद्धार्थनगर में पुलिस ने करीब एक वर्ष पूर्व 11 स्पाट चिन्हित किया गया था। अब यह संख्या बढ़कर 28 पहुंच चुकी है। इसके बावजूद यहां सुरक्षात्मक उपाय न होने से मार्ग दुर्घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही हैं।
सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। मार्ग दुर्घटना रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। पर जिले में 28 ऐसी जगह है, जहां वाहन दुर्घटना में सर्वाधिक मृत्यु हो रही है। इसे ब्लैक स्पाट के तौर पर चिन्हित किया गया है। यह ऐसी जगह हैं, जहां तीन वर्ष में पांच से अधिक बार मार्ग दुर्घटना हुई है। पुलिस ने करीब एक वर्ष पूर्व 11 स्पाट चिन्हित किया गया था। अब यह संख्या बढ़कर 28 पहुंच चुकी है। इसके बावजूद यहां सुरक्षात्मक उपाय न होने से मार्ग दुर्घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही हैं।
160 से अधिक हो चुकी है दुर्घटना,70 गवां चुके जान
अप्रैल माह में पुलिस ने अभियान चलाकर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाए जाने के लिए क्षेत्राधिकारी यातायात अखिलेश वर्मा की देखरेख में हाट स्पाट चिन्हित करने को कहा था। उन्होंने 17 नए ब्लैक स्पाट चिन्हित किए हैं। ब्लैक स्पाट उसे कहते हैं जहां पर विगत तीन वर्ष में सर्वाधिक मार्ग दुर्घटनाएं हुई हों। साथ ही 10 लोगों की जान गई हो। चिन्हित स्थलों पर 160 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें 90 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। उपरोक्त सभी 24 स्थलों पर दुर्घटना बहुल क्षेत्र के बोर्ड लगाने, गति सीमा बोर्ड लगाने, लिंक रोड पर स्पीड ब्रेकर बनवाने, कैट आई, सोलर ब्लिंकर, सफेद पट्टी, जेबरा क्रासिंग तथा फुटपाथ को सड़क के बराबर कराए जाने के लिए पीडब्ल्यूडी व एनएचआई को पत्र लिखा गया है। पर स्थित जस की तस बनी हुई है।
इन खामियों से होती है दुर्घटनाएं
बार-बार सड़क दुर्घटनाएं होने के कारण सड़क के फुटपाथ का सड़क के बराबर ना होना, तीव्र मोड़,लिंक रोड का मिलना और ओवर स्पीड का आदि होना रहता है।
तीन स्थानों पर लगाया है संकेतक
चिन्हित 28 स्थलों में से सिर्फ मधवापुर मोड़, मड़वा मोड, परासिया विशुनपुर ब्लैक स्पाट पर संबंधित विभाग की ओर से दुर्घटना बहुल क्षेत्र के संकेतक बोर्ड व अन्य उपाय किए गए हैं। जबकि पकड़ी चौराहा, उसकी, सूपाराजा, सोनवल, करौंदा मसिना, परसा भदवरिया,जोगिया, सनई, परसा महापात्र, गड़ाकुल, जिगिनियहवा, इटवा कस्बा, तिलौली, सोनखर, महोखवा, करही और पननी में दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद जरूरी उपाय नहीं किया गया है।
यह भी गंवा चुके हैं जान
जोगिया कस्बे के व्यापारी रहे कन्हैया जयसवाल, मसिना निवासी रहे बुझारत,छांगुर प्रसाद,सैयद अली आदि भी इसी स्थल के आसपास हुई जगह पर जान गंवा चुके हैं, जहां सात लोगों की जान दो दिन पूर्व मार्ग दुर्घटना में जा चुकी है। इसके अलावा 20 मई को जोगिया के पास हुई दुर्घटना में एक साथ सात लोगों की मृत्यु हुई थी।
मार्ग दुर्घटना रोकने के लिए लगातार प्रयास चल रहा है। चिन्हित हाटस्पाट पर दुर्घटना रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिए नेशनल हाइवे व लोक निर्माण विभाग से पत्राचार किया गया है। - सुरेश चंद्र रावत, एएसपी।