Flood threat in Siddharthnagar: नेपाल की पहाड़ी पर वर्षा से बढ़ने लगी बूढ़ी राप्ती व कूड़ा नदी
सिंचाई विभाग के अनुसार 12 घंटों में बानगंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 0.05 सेमी ऊपर है। बूढ़ी राप्ती का जलस्तर दस सेमी बढ़ा है। यह नदी धीमी गति से बढ़ रही है। उसका बाजार रेलवे पुल पर कूड़ा नदी के जलस्तर में 1.30 मीटर बढ़ोत्तरी हुई है।
सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। नेपाल की पहाड़ियों पर हुई वर्षा से बूढ़ी राप्ती व कूड़ा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। शेष नदी व पहाड़ी नालों के जलस्तर के घटाव की गति भी धीमी हो गई है। इसे देखते हुए सिंचाई विभाग ने नदियों के जलस्तर की निगरानी शुरू कर दी है। बानगंगा बैराज के जलस्तर की संबंध में नियमित जानकारी प्राप्त की जा रही है।
खतरे के निशान के ऊपर पहुंची बानगंगा
सिंचाई विभाग के अनुसार 12 घंटों में बानगंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 0.05 सेमी ऊपर है। बूढ़ी राप्ती का जलस्तर दस सेमी बढ़ा है। यह नदी धीमी गति से बढ़ रही है। उसका बाजार रेलवे पुल पर कूड़ा नदी के जलस्तर में 1.30 मीटर बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि यह नदी आलमनगर में 20 सेमी बढ़ी है। राप्ती का स्तर छह सेमी कम हुआ है। घोघी नदी, पहाड़ी नाला तेलार व जमुआर स्थिर हैं। यह सभी नदी व पहाड़ी नाले खतरे के निशान से नीचे हैं।
नदियों का जलस्तर
बानगंगा- 93.420- 93.500
राप्ती- 84.900- 81.590
बूढ़ी राप्ती- 85.650- 81.400
कूड़ा (उसका बाजार)- 83.520- 79.280
कूड़ा (आलमनगर)- 87.200- 83.800
घोघी- 87.000- 83.100
तेलार (पहाड़ी नाला)- 87.500- 82.500
जमुआर (पहाड़ी नाला)- 84.890- 81.230
नेपाल के पहाड़ों पर हुई वर्षा से नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। बानगंगा बैराज पर खतरे के निशान के पास है। कूड़ा नदी व बूढ़ी राप्ती का जलस्तर बझ़ा है। नदियों के जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है। बांधों की निगरानी के लिए विभागीय टीम गठित की गई है। - आरके नेहरा, अधिशासी अभियंता, ड्रेनेज खंड।
सड़क धंसी, दुर्घटना की आशंका
दो दिन से हो रही वर्षा के चलते जर्जर हो चुका बेलौहा बाजार से मरवटिया जाने वाला मार्ग कसिहरा गांव के पास गुरुवार सुबह धंस गया। इस पर अब चार पहिया वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। दो पहिया चालक ही किसी तरह आ जा रहे हैं । चार पहिया वाहनों को बेलौहा बाजार जाने के लिए बांसी होकर आना पड़ रहा है। बेलौहा बाजार से मरवटिया होते हुए सेमरा जाने वाले नौ किलोमीटर लंबे इस मार्ग से सकारपार, ऐंचनी, बनौली, झुड़िया, टिकुईया, गैड़ाखोर, पिपरा फरदंग सहित करीब सौ गांवों की आबादी का प्रतिदिन ब्लाक मुख्यालय पर आना जाना होता है।
करीब दो दशक पूर्व इस मार्ग का निर्माण लोक निर्माण विभाग से कराया गया था। तथा समय समय पर इस पर मरम्मत कार्य भी किया जाता रहा है। अभी दस माह पूर्व ही इस पर मरम्मत कार्य हुआ था। ठीकेदार आधा अधुरा कार्य करा कर अपनी स्वार्थ सिद्धि कर चलता बना था। नतीजतन मरम्मत के दस माह में ही सड़क क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि इस मार्ग का चयन प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत हुआ है। चौड़ीकरण के तहत इस मार्ग की चौड़ाई साढ़े पांच फिट होगी। जिसपर मिट्टी वगैरह का काम चल भी रहा था जो वर्षा ऋतु की वजह से बंद है।..सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना से बन रही है। प्रथम चक्र में सड़क की पटरियों को चौड़ा किया जा रहा है। वर्षा ऋतु के बाद सड़क का निर्माण तीव्र गति से होगा। विवेक कुमार राय, लोनिवि, बांसी