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भारत-नेपाल संबंधों में सेतु बनेगा यह विवि

नेपाल सीमा के निकट स्थित यह विद्यालय दोनों देशों के रोटी-बेटी के रिश्तों में सेतु का काम करेगा। साथ ही यह प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां फार्म भरने से लेकर सबकुछ पारदर्शी व आनलाइन है। अभी इस विवि को लंबा सफर तय करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में यह अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रूप में विकसित होगा। इस विवि में कार्य करने का अवसर मिलना मेरे लिए गौरव की बात है

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 12:06 AM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 12:06 AM (IST)
भारत-नेपाल संबंधों में सेतु बनेगा यह विवि
भारत-नेपाल संबंधों में सेतु बनेगा यह विवि

सिद्धार्थनगर : नेपाल सीमा के निकट स्थित यह विद्यालय दोनों देशों के रोटी-बेटी के रिश्तों में सेतु का काम करेगा। साथ ही यह प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां फार्म भरने से लेकर सबकुछ पारदर्शी व आनलाइन है। अभी इस विवि को लंबा सफर तय करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में यह अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रूप में विकसित होगा। इस विवि में कार्य करने का अवसर मिलना मेरे लिए गौरव की बात है।

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उक्त बातें सिद्धार्थ विवि के कुलपति प्रो. रजनीकांत पांडेय ने कही। वह सोमवार को विवि में आयोजित अपने विदाई समारोह को संबोधित कर रहे थे। कहा कि इस विवि में उन्होंने 5 अगस्त 2013 से 22 मई 2015 तक विशेष कार्याधिकारी के रूप में तथा इसके बाद अब तक कुलपति के रूप में कार्य किया। नई व्यवस्था में मीडिया की भी भूमिका सकारात्मक रही। इस पिछड़े जनपद में विवि का संचालन बड़ी चुनौती रही। सरकार ने अपने बजट में नेपाल के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास दिया है। विवि की व्यवस्था पूरी तरह कैशलेस है। परिषद की बैठक में ही अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध केंद्र बनाने की बात हुई थी, जिसके लिए प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। नेपाल से विद्यार्थी आएंगे तो यूजीसी भी अनुदान की राशि बढ़ाएगा। कुलसचिव उदय प्रताप ¨सह, उप कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक बी.एन. ¨सह आदि मौजूद रहे।

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अधूरे कार्यों को पूरा करने की चुनौती

विवि स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व विस अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने भी उनको भविष्य की शुभकामनाएं दी। कहा कि उनके कार्यकाल में विवि का अभूतपूर्व विकास हुआ है। अभी जो कार्य अधूरे पड़े हैं, नवागत कुलपति के समक्ष उनको पूरा करने की चुनौती होगी। विवि में छात्र-छात्राओं की संख्या दिखनी चाहिए, तभी इसका उद्देश्य सार्थक हो सकेगा।

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स्मृति ¨चह देकर किया सम्मानित

बर्डपुर : सिद्धार्थ विवि के पहले कुलपति डा. रजनीकांत पाण्डेय के विदाई के अवसर पर वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष दीपक मिश्रा, दिनेश प्रसाद, शिवम शुक्ला आदि ने उनको फूलमालाओं से लाद दिया। अंगवस्त्र व स्मृति¨चह प्रदान कर उनको सम्मानित किया गया। एम.एल.के. पीजी कालेज बलरामपुर के प्राचार्य डा. आर.बी. श्रीवास्तव ने भी उनको सम्मानित किया।

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आतंकवाद के खिलाफ दिलाई शपथ

बर्डपुर : अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक दिवस पर विवि के वाणिज्य विभाग भवन में कुलपति डा. रजनीकांत पांडेय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को नमन करते हुए आतंकवाद के खात्मे का संकल्प लिया। आज ही के दिन पेरंबदूर में लिट्टे आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी थी।


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