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निलंबन का सदमा बर्दाश्‍त नहीं कर सकी मह‍िला श‍िक्षक, हार्ट अटैक में चली गई जान

उत्‍तर प्रदेश के बस्‍ती ज‍िले में स्‍कूल से अनुपस्‍थ‍ित पाए जाने पर न‍िलंब‍ित की गई मह‍िला श‍िक्षक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अध‍िकार‍ियों के न‍िरीक्षण में उक्‍त मह‍िला श‍िक्षक अपने व‍िद्यालय से अनुपस्‍थि‍त पाई गई थी।

By Jagranv NewsEdited By: Pradeep SrivastavaPublished: Fri, 30 Sep 2022 01:42 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 01:42 PM (IST)
निलंबन का सदमा बर्दाश्‍त नहीं कर सकी मह‍िला श‍िक्षक, हार्ट अटैक में चली गई जान
न‍िलंबन के सदमे में महिला टीचर की जान चली गई। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। सिद्धार्थनगर के उसका बाजार विकास खंड की एक शिक्षिका निलंबन का सदमा बर्दास्त नहीं कर सकी। हृदयाघात से उनकी मौत हो गई। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग का कहना है कि शिक्षिका पर कार्रवाई करीब माह भर पूर्व हुई थी। उसके चलते शिक्षिका की जान नहीं जा सकती। उसकी वजह कुछ और रही होगी।

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यह है मामला

उसका के कंपोजिट विद्यालय देवलहाग्रांट में कार्यरत 55 वर्षीय शिक्षिका शहनाज आरिफ के स्वजन के अनुसार प्रभारी जिला समन्यवक समेकित शिक्षा विनोद कुमार मिश्र ने बीते 31 अगस्त को उनके विद्यालय का निरीक्षण किया था। एक दिन की अनुपस्थिति पर विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया। इसका आदेश उन्हें छह सितंबर को मिला। इसका सदमा वह बर्दास्त नहीं कर सकीं और सात सितबंर को शिक्षिका को हृदयाघात हुआ। इसके बाद से गोरखपुर में उनका इलाज चल रहा था।

इलाज के दौरान हुई मौत

इलाज के दौरान 55 वर्षीया शहनाज की मृत्यु हो गईं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय का कहना है कि निरीक्षण के दौरान शिक्षिका अनुपस्थित थीं। उन्होंने उपस्थिति पंजिका में एक दिन का अग्रिम हस्ताक्षर किया हुआ था। यह घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है। इसकी रिपोर्ट आने में कई दिन का समय लगा। उसके बाद उन्हें निलंबित किया गया था, लेकिन इस कार्रवाई के करीब माह भर बाद शिक्षिका मौत हुई है। इससे यह नहीं कहा जा सकता कि उसी कार्रवाई के चलते उनकी मौत हुई होगी।

शिक्षकों को स्मार्ट क्लास संचालन के बताए गए तरीके

शोहरतगढ़ ब्लाक संसाधन केंद्र सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से परिषदीय कम्पोजिट विद्यालय के अध्यापकों का स्मार्ट क्लास संचालन पर आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। शिक्षकों को आईसीटी पद्धति से बच्चों के बीच शिक्षण कार्य रुचिपूर्ण तरीके से पढ़ाने की जानकारी दी गयी। प्रशिक्षक कमलेश कुमार मौर्या ने शिक्षा के डिजिटल सामग्री के उपयोग, टीचिंग प्लान और लेसन प्लान के उपयोग का तरीका बताया। प्रशिक्षक देवेश प्रताप सिंह ने विद्यालय में उपलब्ध कराए गये प्रोजेक्टर, लैपटाप, ब्लू टूथ स्पीकर व अन्य डिजिटल सामग्रियों व संसाधनों का सुचारू रूप से प्रयोग कर बच्चों को ज्ञान कराने के लिए विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। इस दौरान गुणवत्ता समन्वयक आशिक़ रजा खान,मुस्तन शेरूल्लाह, शशि कपूर गौतम, शिक्षक मनमोहन, इमामुद्दीन, धीरज त्रिपाठी, राम अभिलाष, विनीता गुप्ता, रेनू, जयप्रकाश यादव आदि मौजूद रहे।


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