सिद्धार्थनगर के मदरसों में छात्रों को मिल रही तकनीकी की शिक्षा
Madrasa of Siddharthnagar सिद्धार्थनगर में मान्यता प्राप्त मदरसों की कुल संख्या 596 हैं। इनमें 452 ने मदरसा पोर्टल पर इन्होंने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। 39 के सत्यापन में मानक की कमी मिली इसके कारण से इनके रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को शासन स्तर से रोक दिया गया है।
सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। उप्र प्रदेश मदरसा परिषद की ओर से संचालित शिक्षण संस्थानों में छात्र व छात्राओं को अरबी व फारसी के साथ अंग्रेजी की शिक्षा मिल रही है। जनपद में मान्यता प्राप्त मदरसों की कुल संख्या 596 हैं। इनमें 452 ने मदरसा पोर्टल पर इन्होंने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। 39 के सत्यापन में मानक की कमी मिली, इसके कारण से इनके रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को शासन स्तर से रोक दिया गया है।
यहां हैं सर्वाधिक मदरसा
सर्वाधिक मान्यता प्राप्त मदरसा डुमरियागंज व सबसे कम बांसी में हैं। 105 मदरसे ने अभी तक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन नहीं किया है। अनुदानित 16 मदरसा में 192 शिक्षक व कर्मचारियों शैक्षिक कार्य में लगे हैं। 16 मिनी आईटीआई में 69 शिक्षक छात्रों को प्रोद्यौगिक विषय की शिक्षा दे रहे हैं। आधुनिकीकरण में योजना में 266 का चयन किया गया है। इनमें 724 शिक्षक कार्यरत हैं।
इतने हैं तहसीलवार मान्यता प्राप्त मदरसा
शोहरतगढ़- 101
इटवा- 133
बांसी- 91
डुमरियागंज- 151
नौगढ़- 120
ब्लाकवार संचालित मदरसा मिनी आईटीआई
बढ़नी- 2
बांसी- 3
नौगढ़- 1
खुनियांव- 3
डुमरियागंज- 5
बर्डपुर- 1
उसका बाजार- 1
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ब्लाकवार राज्य सहायता प्राप्त मदरसा
बढ़नी- 1
बांसी- 2
खेसरहा- 1
बर्डपुर- 1
डुमरियागंज- 3
इटवा- 4
खुनियांव- 2
नौगढ़- 2
शासन की मंशा है कि मदरसा में छात्रों को दीनी के साथ आधुनिक शिक्षा प्रदान की जाए। इसके लिए मदरसा में मिनी आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। यहां पढ़ने वाले छात्रों के कौशल विकास किया जा रहा है। इससे वह स्वरोजगार से आत्मनिर्भर हो रहे हैं। - तन्मय, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी।
कम्प्यूटर चलाने में पारंगत होगी कस्तूरबा की बेटियां
अपर सांख्यिकी अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वार्डनों के साथ बैठक की। नीति आयोग की पहल पर कस्तूरबा विद्यालय में छात्राओं को कम्प्यूटर की शिक्षा दी जाएगी। 11 विद्यालय में कम्प्यूटर लैब स्थापित किया गया है। बांसी व खेसरहा के विद्यालय में चल रहे निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी। अपर सांख्यिकी अधिकारी ने कहा कि शासन की मंशा है कि ग्रामीण क्षेत्र की सभी बालिकाएं कम्प्यूटर चलाने में पारंगत हो। जब वह आधुनिकीकरण से जुड़ेगी तो स्वरोजगार के रास्ते खुलेंगे। शिक्षा ग्रहण करने के बाद वह आत्मनिर्भर बनेगी। पहले चरण में इन्हें कोडिंग की शिक्षा दी जाएगी। इसमें शिक्षा से संबंधित साफ्टवेयर की जानकारी होगी। कस्तूरबा गांधी विद्यालय के समन्वयक सुरेंद्र श्रीवास्तव, रीना यादव, नीलम चतुर्वेदी, माया मौर्या, गीता यादव, रेनू शुक्ला, सुनीता गुप्ता, सितारा देवी आदि मौजूद रहीं।