पर्यावरण पर सरकार को दिखा रहे आईना
घटती हरियाली किसी चुनौती से कम नहीं है। जिले के एक पर्यावरण प्रेमी पर्यावरण को संरक्षित रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। वह पौधे लगाते हैं और पर्यावरण संदेश का लिफाफा भी छपवा रखे हैं।
सिद्धार्थनगर: घटती हरियाली किसी चुनौती से कम नहीं है। जिले के एक पर्यावरण प्रेमी पर्यावरण को संरक्षित रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। वह पौधे लगाते हैं और पर्यावरण संदेश का लिफाफा भी छपवा रखे हैं। जन सूचना अधिकार के तहत मांगी जाने वाली सूचना के जरिये पौधे लगाने की विभागों से अपील कर रहे हैं। जिले के विभागों से लेकर राज्य सूचना आयोग लखनऊ तक इनके लिफाफों की भरमार है।
भीमापार निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता देवेश मणि त्रिपाठी सूचना मांगने वाले पत्र को भेजने के लिए देवेश जिस लिफाफा का प्रयोग करते हैं, उस पर पेड़ पौधों की कमी से होने वाली समस्या की जानकारी भी अंकित है। सुखी व निरोग जीवन जीने के लिए लोगों को हरियाली के महत्व को भी समझाते हैं। पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए दस हजार लिफाफे छपवाए हैं। लिफाफे पर स्लोगन लिखवाए हैं। धरती पर मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो पेड़ काटकर कागज बनाता है, और उस पर लिखता है-पौध लगाओ वृक्ष बचाओ। कागजों पर पौध लगाने से बेहतर है कि जमीन पर पौध लगाएं, धरती को हरा भरा बनाएं। यह संदेश अब तक एक हजार लोगों तक पहुंच चुका है। स्कूलों में देवेश खुद करीब पांच सौ पौधे लगा चुके हैं। अब पोस्टकार्ड छपवाकर सभी ग्राम पंचायतों में पोस्टकार्ड भेजेंगे।
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यदि पर्यावरण नहीं रहेगा तो जीवन ही नहीं बचेगा। हमें शुद्ध हवा चाहिए तो पेड़ों की सुरक्षा करने के अलावा नए पौध लगाने की जरूरत है। इसके लिए सभी को आगे आना पड़ेगा। यदि समय रहते हम आगे नहीं आए तो आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी। सरकार हर साल लाखों पौधे लगवाती है, उचित देखरेख न होने से यह धरातल पर नहीं दिखते। सभी को मिलकर पौधे लगाने होंगे और उन्हें संरक्षित करना होगा। तभी हमारा जीवन सुरक्षित रहेगा। रोगों से मुक्ति मिलेगी।
देवेश मणि त्रिपाठी, आरटीआइ कार्यकर्ता, भीमापार सिद्धार्थनगर