सिद्धार्थनगर 100 स्मार्ट गांवों वाला बनेगा पहला जिला
सिद्धार्थनगर देश के स्र्माट गांवों में से एक महत्वपूर्ण स्थान बनने वाला है। इसकी पहचान देश में होगी।
रत्नेश शुक्ल, सिद्धार्थनगर: दुनिया के मशहूर विश्वविद्यालयों में से एक बर्कले का सिद्धार्थनगर से कनेक्शन जुड़ने जा रहा है। इस नाते का असर यह होगा कि प्रशासन के सहयोग से चयनित 100 गांव को दो साल के भीतर स्मार्ट गांव में तब्दील कर दिया जाएगा। प्रोफेसर सोलोमन डारविन के आन्ध्र प्रदेश के माडल को सूबे के 74 जिलों को दरकिनार कर बुद्ध धरा पर आजमाने की सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। जल्द ही स्मार्ट विलेज कान्सेप्ट के विशेषज्ञों की टीम यहां आकर स्थलीय निरीक्षण करेगी और ख्यातिलब्ध काला नमक चावल को सोल आफ बुद्ध यानी कि बुद्ध की आत्मा के रूप में विश्व बाजार तक पहुंचाने का ब्लू ¨प्रट तैयार करेगी।
कर भला तो हो भला, अंत भले का भला। यह लोकोक्ति नहीं वरन जीवन उत्थान के लिए किए जाने वाले प्रयासों को चरितार्थ करने वाला निष्कर्ष है। प्रोफेसर डारविन ने स्मार्ट विलेज डवलपमेंट का पहला प्रयास आंध्र प्रदेश के मोरी गांव में किया जो कामयाब रहा। वह गांव तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पसंद का गांव था। फिर योजनाबद्ध तरीके से वहीं के 500 गांव पर काम शुरू हुआ। वहां सफलता हासिल होने के बाद प्रोफेसर और उनकी टीम ने अगला लक्ष्य गुजरात प्रदेश को तय किया। इस बीच जनपद के प्रभारी मंत्री चेतन चौहान की पत्नी जिनका प्रोफेसर से एकेडमिक संपर्क था ने यूपी में प्रयोग करने का न्यौता दिया। पहले तय हुआ कि सूबे के पांच जनपदों में पायलट प्रोजेक्ट लांच किया जाए। मगर तमाम गुण दोष का अध्ययन करने के बाद और जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू की तार्किक दलील के बाद ¨सगल डिस्ट्रिक के रूप में सिद्धार्थनगर को हरी झंडी मिल गई।
इस बावत पिछले दिनों प्रोफेसर की टीम, प्रभारी मंत्री व डीएम के बीच लखनऊ में महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक हुई। सिल्कू के अनुसार स्मार्ट विलेज कान्सेप्ट में प्रदेश सरकार शुरूआती दौर में विशेषज्ञों की टीम को पांच करोड़ रूपये देने पर विचार कर रही है। टीम द्वारा यह धन जनपद के चयनित गांव में प्रति गांव चिन्हित किए जाने दो सहयोगी के प्रतिमाह न्यूनतम पांच रूपये के प्रस्तावित मानदेय पर खर्च किया जाएगा। वो सहयोगी टीम को आधारभूत जानकारियां उपलब्ध कराने के साथ ही सामयिक स्वरोजगार की स्थापना, उनके बिक्री बाजार, विश्व स्तर की आनलाइन स्वास्थ्य सुविधाओं, स्किल बेस्ड प्रोग्राम्स की लां¨चग सहित उन सभी प्रयासों को गति देने के माध्यम बनेंगे जो गांव को स्मार्ट विलेज का दर्जा दिला सकें।
सिल्कू के अनुसार काला नमक को ग्लोबल मार्केट में मोस्ट से¨लग प्राडक्ट बनाने के लिए भी सोल आफ बुद्ध की परिकल्पना पर सार्थक काम होगा। उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो सिद्धार्थनगर सूबे के बाकी जनपदों के लिए नजीर बन जाएगा। उन्होंने बताया कि जल्द ही प्रभारी मंत्री भी यहां आकर अगले चरण के प्रयासों को रफ्तार देंगे।