धनुष टूटते ही श्री राम की हुई जय-जयकार
तहसील अन्तर्गत पौराणिक स्थल भारतभारी में चल रही नौ दिवसीय रामलीला की चौथी रात कलाकारों ने पुष्प वाटिका से राम-विवाह के प्रसंग का मंचन सुंदर तरीके से किया। इस बीच धनुष यज्ञ के दौरान जैसी श्रीराम द्वारा धनुष तोड़ने का मंचन दिखाया जाता है, हर तरफ उनकी जय-जयकार होने लगती है।
सिद्धार्थनगर : तहसील अन्तर्गत पौराणिक स्थल भारतभारी में चल रही नौ दिवसीय रामलीला की चौथी रात कलाकारों ने पुष्प वाटिका से राम-विवाह के प्रसंग का मंचन सुंदर तरीके से किया। इस बीच धनुष यज्ञ के दौरान जैसी श्रीराम द्वारा धनुष तोड़ने का मंचन दिखाया जाता है, हर तरफ उनकी जय-जयकार होने लगती है।
आठ बजे शुरू हुए कार्यक्रम में सर्वप्रथम भगवान राम और लक्ष्मण की सुंदर झांकी को प्रस्तुत किया गया, जिसको देख श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठते हैं। फिर कलाकारों ने दिखाया, कि गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से राम और लक्ष्मण पुष्प वाटिका में फूल तोड़ने के लिए जाते हैं। यहीं पर भगवान राम और सीता माता का सर्वप्रथम आमना-सामना होता है। सीता जी मन ही मन श्री राम को वर के रूप में पाने के लिए गिरजा से प्रार्थना करती हैं। उधर राजा जनक स्वयंवर की तैयारी करते हैं। गुरु वशिष्ट के साथ राम-लक्ष्मण स्वयंवर में आते हैं, जहां अन्य राजा भी आते हैं। धनुष उठाने का प्रयास करते हैं मगर कोई राजा धनुष उठाने में सफल नहीं होता है, ये देख राजा जनक बहुत दुखी होते हैं। फिर गुरु वशिष्ट की आज्ञा से राम धनुष को उठाकर तोड़ देते हैं।
कपिल पाण्डेय ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। विश्वभर पाण्डेय, अमृतनाथ पाण्डेय, ¨चकू पाण्डेय, अवध राम, राजू, शिवमूर्ति, राम प्रसाद, कुलदीप पाण्डेय, राजेश पाण्डेय, मिलन, सोमई, राजेन्द्र कुमार, शिव कुमार, परशुराम, अखिलेश पाण्डेय समेत बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे।