एक हजार रसोइयों के रोजगार पर संकट
एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलयन के बाद रसोइया चयन के लिए आए नए फरमान से जनपद में लगभग एक हजार रसोइयों के रोजगार पर बीच सत्र में ही खतरा उत्पन्न हो गया है। विभाग ने अतिरिक्त रसोइयों को हटाने का निर्देश जारी कर दिया
सिद्धार्थनगर: एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलयन के बाद रसोइया चयन के लिए आए नए फरमान से जनपद में लगभग एक हजार रसोइयों के रोजगार पर बीच सत्र में ही खतरा उत्पन्न हो गया है। विभाग ने अतिरिक्त रसोइयों को हटाने का निर्देश जारी कर दिया है। जनपद में 413 परिसर ऐसे हैं जहां प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को संविलयित किया गया है। इन विद्यालयों में अभी तक अलग-अलग छात्र संख्या के आधार पर रसोइया का पद निर्धारित किया गया था। संविलयन के बाद दोनों विद्यालयों की संयुक्त छात्रसंख्या के आधार पर रसोइया का पद निर्धारित कर अतिरिक्त रसोइयों को सेवा से तत्काल विरत कर दिया जाना है। विभागीय निर्देश के अनुसार 25 छात्र संख्या तक एक, 26 से 100 तक दो, 101 से 200 तक तीन व 201 से 300 तक छात्रसंख्या होने पर चार रसोइयों का पद निर्धारित है। इस मानक के आधार पर संविलयन के बाद प्रत्येक विद्यालय में एक से तीन रसोइयां अतिरिक्त हो जाएंगी। फलस्वरूप विद्यालय से उनको कार्यमुक्त करने की तैयारी चल रही है। ऐसी परिस्थिति में उन रसोइयों को हटाया जाएगा जिनका चयन बाद में हुआ था और यदि किसी विद्यालय में एक साथ कई रसोइयों का चयन हुआ हो तो कम उम्र वाले रसोइयों को हटाया जाएगा। जिला समन्वयक एमडीएम धर्म प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि विभागीय शासनादेश से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। निर्धारित प्राविधानों के अनुसार अतिरिक्त रसोइयों को कार्य से हटाया जाएगा।
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संविलयन के बाद घट जाएगी विद्यालयों की संख्या
विद्यालयों के संविलयन के बाद जिले में विद्यालयों की संख्या भी घट जाएगी। वर्तमान में विद्यालयों की संख्या 2767 है जो संविलयन के बाद घटकर 2354 रह जाएगी। विद्यालयों में रसोइया चयन ग्राम प्रधान/सभासद की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति करती है, जिसमें चार अभिभावक सदस्य होते हैं। रसोइया को प्रतिमाह एक हजार 5 सौ मानदेय मिलता है।