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छात्रा से छेड़खानी या कहानी कुछ और..

इसाके पूर्व भी एक दूसरे पर दर्ज हो चुके है मुकदमे

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 10:44 PM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 10:44 PM (IST)
छात्रा से छेड़खानी या कहानी कुछ और..
छात्रा से छेड़खानी या कहानी कुछ और..

सिद्धार्थनगर : इटवा थाना क्षेत्र की एक छात्रा ने न्याय के लिए राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजकर इच्छामृत्यु मांगी है। हालांकि अभी तक प्रार्थना पत्र की कापी पुलिस को नहीं मिल सकी है। मामले की सच्चाई क्या है, इससे हर कोई अनभिज्ञ है। ऐसे में एक पड़ताल कर मामले की वास्तविकता जानने की कोशिश की गई। पता चला कि पीड़िता के परिजन व आरोपित में लंबे समय से अदावत चल रही है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि दोनों परिवारों के बीच अदावत हो तो क्या छेड़खानी का प्रयास हो सकता है?

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छात्रा द्वारा इच्छामृत्यु की मांग के बाद आरोपितों पर छेड़खानी का मुकदमा दर्ज किया है। इससे पूर्व में वह आरोपितों के विरुद्ध मारपीट के कई मुकदमें लिख चुकी है। मामला नया नहीं है। वर्ष 2002 में आरोपितों द्वारा भी पीड़िता के मातापिता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। दोनों परिवारों के बीच दुश्मनी लंबे समय से चली आ रही है। ऐसे में मामला छेड़खानी का है अथवा कुछ और, यह तो जांच के बाद ही ज्ञात हो सकता है। इटवा थाना क्षेत्र में छात्रा के आरोपों से पुलिस अभी भी उबर नहीं पा रही है। हालांकि उसने आरोपितों के विरुद्ध छेड़खानी मुकदमा दर्ज किया है।

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कब किसकी तरफ से दर्ज हुआ मुकदमा

- 15 मई 2002 को आरोपित झिनकू पुत्र बुधई द्वारा पीड़िता के माता पिता के विरुद्ध एनसीआर नंबर 60/02 धारा 323, 504 भादवि के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। बाद में एक्स-रे रिपोर्ट के आधार पर 325 की वृद्धि की गई।

- पीड़िता की तहरीर पर आरोपितों के विरुद्ध एनसीआर नंबर 38/18 धारा 323, 504 भादवि के तहत मुकदमा दर्ज किया।

- 22 अगस्त 2018 को पीड़िता की तहरीर पर आरोपितों के विरुद्ध अपराध संख्या 119/18 धारा 452, 354ए, 323, 504, 506 आइपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया

- 14 जुलाई 2018 को पीड़िता की तहरीर पर आरोपितों के विरुद्ध 107/116 व 116(3) के तहत आरोपितों को पाबंद कराया।

- 20 जून 2018 को विपक्षियों के विरुद्ध धारा 151, 107, 116 की कार्रवाई की गई

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पीड़िता के पिता पर दर्ज है दहेज हत्या का मुकदमा

पीड़िता के पिता होमगार्ड हैं। उन पर आरोप है कि 26 फरवरी 1994 को पहली पत्नी को जहरीला पदार्थ देकर मार दिया। ऐसे में उनके विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 21/94 धारा 498ए, 328, 302 भादवि के तहत पंजीकृत हुआ। इसमें अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा 31 जुलाई 1996 को पीड़िता के पिता, बाबा व दादी को सात-सात वर्ष की सजा हुई। वर्तमान में सभी उच्च न्यायालय इलाहाबाद से अपील के बाद जमानत पर हैं।

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नाबालिग को बना दिया आरोपित

इटवा पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर झिनकू पुत्र बुधई(58), निनकू पुत्र झिनकू(20), मेघू पुत्र झिनकू(28), दिनेश पुत्र झिनकू(15) के विरुद्ध छेड़खानी का मुकदमा दर्ज किया है। इसमें दिनेश नाबालिग है। यह पुलिस की रिपोर्ट में भी है। उसे भी पुलिस ने आरोपित बना दिया है। इसके अलावा आरोपितों का आपस में संबंध पिता पुत्र का है।

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क्या है आरोप

पीड़िता ने आरोपितों पर आरोप लगाया है कि गत 19 जून आरोपितों ने उसके साथ छेड़खानी किया। बाद में पुलिस ने मारपीट का मुकदमा दर्ज किया। पीड़िता ने इसे लेकर अपर पुलिस अधीक्षक को तहरीर दी। बाद में उसने इच्छामृत्यु की मांग की। साथ ही एक विधायक पर भी गंभीर आरोप लगाया कि उनके दबाव में पुलिस आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा नहीं दर्ज रही है। आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है। बाद में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और बयान बदलने के लिए उस पर दबाव बनाया जा रहा है।

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घटना पर उठे सवाल

- पीड़िता व आरोपित आपस में पड़ोसी हैं। दोनों के बीच एक दीवार की दूरी है। ऐसे में क्या घटना संभव है?

- दोनों के बीच अर्से से रंजिश चली आ रही है। दोनों के बीच रंजिश होगी तो छेड़खानी का आरोप सही है अथवा गलत?

- आरोपित आपस में पिता पुत्र हैं। क्या वह एक दूसरे के सामने छेड़खानी कर सकते हैं?

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एक मामले में आरोप पत्र तैयार करके भेजा जा चुका है। छेड़खानी के प्रकरण में जांच की जा रही है। आरोपित व पीड़िता पड़ोसी हैं। दोनों के बीच अर्से से दुश्मनी चली आ रही है। फिर भी एक-एक ¨बदु को ध्यान में रखकर निष्पक्षता से जांच की जा रही है।

डा.धर्मवीर ¨सह

पुलिस अधीक्षक


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