जिगिनाधाम मेले में हर दिन बढ़ रहें हैं खरीदार
तहसील क्षेत्र का जिगिनाधाम मेला अपनी पूरी रवानी पर है। दूर-दराज से यहां आए व्यापारी बेहतर कमाई कर रहे हैं। तिलगट्टे की दुकान हो, सौंदर्य प्रसाधन अथवा रोजमर्रा के सामानों की, हर दुकान खरीदारों की भीड़ से भरी दिखाई देती है। मनोरंजन के लिए लगे झूले, थियेटर और मौत के कुएं का खेल दिखाने वाले कारोबारी भी बेहतर कमाई कर रहे हैं।
सिद्धार्थनगर: तहसील क्षेत्र का जिगिनाधाम मेला अपनी पूरी रवानी पर है। दूर-दराज से यहां आए व्यापारी बेहतर कमाई कर रहे हैं। तिलगट्टे की दुकान हो, सौंदर्य प्रसाधन अथवा रोजमर्रा के सामानों की, हर दुकान खरीदारों की भीड़ से भरी दिखाई देती है। मनोरंजन के लिए लगे झूले, थियेटर और मौत के कुएं का खेल दिखाने वाले कारोबारी भी बेहतर कमाई कर रहे हैं। मेले में प्रतिदिन लाखों के कारोबार हो रहा है।
जिगिनाधाम मेला इस समय तेजी पर है। दूर दूर के व्यापारी यहां दुकानों पर अधिक से अधिक सामान बेंचकर कमाई करने में लगे हुए हैं। प्रतिदिन तीस से चालीस हजार लोगों की भीड़ जुट रही है। खोमचे वाले से लेकर सौंदर्य प्रसाधन की दुकान लगाने वाले व्यापारी सबकी बेहतर कमाई हो रही है, जिससे व्यापारी उत्साहित हैं। राजस्थान से आए धनुर्धर कहते हैं कि उन्होंने तीन दिन पहले यहां लोहे की कुल्हाड़ी,कुदाल, हथौड़ी सहित अन्य लोहे के औजारों की दुकान लगाई है। अब तक तीस हजार की बिक्री वह कर चुके हैं। आगरा से आए जूता चप्पलों के व्यापारी नामदेव ने बताया कि ठंड में महिलाएं जूतियां अधिक खरीद रही हैं। बारह हजार रुपये की वह सिर्फ जूतियां बेंच चुके हैं। उनके साथ आए अन्य दुकानदार भी जूते चप्पलों की बिक्री से बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं। सौंदर्य प्रसाधन की दुकान लगाने वाले सलमान और नजीम कहते हैं कि वह प्रतिवर्ष यहां दुकान लगाते हैं। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार बिक्री अधिक है। मेले में मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के झूले, नौकायन, थियेटर और नौटंकी की व्यवस्था है। नौकायान करने के नाम पर प्रति व्यक्ति दस रुपया लिया जा रहा है। नौटंकी पचास रुपया तो थियेटर दस रुपया की दर से लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। छोटे झूले पर बैठने का शुल्क दस रुपया तो बड़े झूले का शुल्क बीस रुपया प्रति व्यक्ति निर्धारित है। जिगिनाधाम मंदिर महंथ व मेला समिति के अध्यक्ष बाबा विजय दास ने बताया कि यहां किसी भी दुकानदार से कोई शुल्क दुकान लगाने के एवज में नहीं लिया जाता। साफ सफाई के मद में सीमित शुल्क सभी से लिया जाता है। जिससे मेला परिसर साफ सुथरा रहे। मेले में आकर व्यापारी मुनाफा कमाएंगे तभी इस स्थान की महत्वता बढ़ेगी और दूर दराज से यहां व्यापारी पहुंचेंगे।